जाने गुस्से के कारण को, जीवनशैली मे यह सुधार करेंगे आपकी मदद

0
105

हमारी जीवनशैली पर सब कुछ निर्भर करता है। यहां तक कि आपको गुस्सा आना भी आपकी जीवनशैली से जुड़ चुका है। देखा जाए तो अब गुस्सा आना भी आजकल की एक बड़ी समस्या बन गया है। गुस्से के कारण और बचाव के बारे में विशेषज्ञ से बातचीत कर जानकारी दे रही हैं निधि गोयल, गुस्सा हमारी भावना को व्यक्त करने का माध्यम है। हम जब ज्यादा परेशान हो जाते हैं या हमारे मन में कोई डर बैठ जाता है या फिर हमें किसी चीज के खो जाने का डर होता है और उस डर का सामना करने की स्थिति नजर नहीं आती है, तो गुस्सा आता है। कई बार ऐसा होता है कि हम किसी को अपनी बात समझाना चाहते हैं, लेकिन दूसरा व्यक्ति उस बात को समझने की बजाय उस पर वाद.विवाद करने लगता है। ऐसे में आप अपना साधारण स्वभाव भूल जाते हैं और उस पर गुस्सा करने लगते हैं। गुस्से की स्थिति में हार्मोन के प्रभाव से हमारा दिमाग सुन्न हो जाता है, जिसका असर हमारी सोचने की क्षमता पर पड़ता है। इस कारण हम किसी के साथ बुरा व्यवहार तो कर बैठते हैं, लेकिन बाद में हमें पछतावा होता है। लक्षण को पहचानें- पेट में गांठें पड़ने लगती हैं।जबड़े या मुट्ठियां भिंचने लगती हैं।चेहरा लाल होने लगता है।सांसें तेज हो जाती हैं।सिरदर्द होने लगता है।हृदय की धड़कन बढ़ जाती है।कंधे कड़क हो जाते हैं। क्या करें उपाय- करें साधारण भोजन, शरीर में किसी भी समस्या की शुरूआत आपके खानपान में किसी गड़बड़ी की वजह से होती है। ज्यादा मसालेदार भोजन हमारे शरीर के लिए हानिकारक होता है। इससे शरीर में ज्यादा गर्मी पैदा होती है, जिससे गुस्से की आशंका ज्यादा हो जाती है। एक कहावत प्रसिद्ध है कि जैसा खाए अन्न, वैसा रहे मन। इसलिए जिन लोगों को बहुत गुस्सा आता है, उन्हें हमेशा सादा और बिना तेल-मसाले वाला भोजन करना चाहिए। व्यायाम करें, अगर आप बार-बार गुस्सा करते हैं, तो गुस्सा से संबंधित रसायन की मात्रा आपके शरीर में बढ़ती जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार, इसे अपने शरीर से बाहर निकालने का सबसे अच्छा तरीका व्यायाम है। पूरी नींद लें, गुस्सा तभी आता है, जब तनाव बहुत अधिक बढ़ जाता है। गुस्से का सीधा संबंध तनाव से है और तनाव कम करने का एक बहुत ही अच्छा उपाय है अच्छी नींद लेना। इसलिए पूरी नींद लें। हास्य को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं और हमेशा खुश रहने की कोशिश करें। अगर ट्रैफिक जाम की वजह से गुस्सा आ रहा है, तो अपनी कार में रखे हास्य व मनोरंजन से भरपूर टेप बजाएं, ताकि आपका ध्यान बंट सके। यदि आपको लगता है कि आपको काफी गुस्सा आता है, तो यह गंभीर मानसिक बीमारी हो सकती है। मस्तिष्क में रसायनों के अनुपात का संतुलन बिगड़ने की वजह से गुस्सा बहुत अधिक आता है। ऐसी स्थिति में आपको तुरंत किसी मनोचिकित्सक से मिलना चाहिए। उनके परामर्श से जरूरी दवाओं का सेवन करें। अगर आप गुस्से की समस्या के शिकार हैं और नशीले पदार्थों का सेवन करते है,उनका सेवन तत्काल बंद कर दें। ये सभी चीजें मस्तिष्क को उत्तेजित करती हैं। अलग-अलग लोग अलग तरह से अपना गुस्सा दिखाते हैं। कुछ लोग अपने कपड़ों को फाड़ देते हैं, कुछ लोग अपना फोन उठा कर जमीन पर पटक देते हैं। कुछ लोग घर का सामान तोड़ डालते हैं और कुछ लोग घर के सदस्यों के साथ मारपीट करते हैं। ये सभी तरीके नकारात्मक हैं।जब भी आपको गुस्सा आए, तुरंत लंबी और गहरी सांस लें। इससे आपके मस्तिष्क में आॅक्सीजन का स्तर बेहतर होगा और दिमाग शांत होगा। दिमाग शांत होने से गुस्सा भी नियंत्रित होगा। गुस्से में चीखना, चिल्लाना, गाली गलौज करना आदि बिल्कुल भी अच्छी बात नहीं। इससे आपके व्यक्तित्व को काफी नुकसान पहुंचता है। गुस्सा करने वाले लोग अपने हिसाब से सब कुछ चाहने की जिद करते हैं। वैसे सभी की इच्छा होती है कि जैसा वे चाहते हैं, वैसा हो। ऐसा न होने पर दुख और निराशा भी होती है, लेकिन गुस्सैल लोग उन चीजों के लिए जबरदस्ती करते हैं और निराशा को गुस्से से व्यक्त करते हैं। अगर आपका भी स्वभाव ऐसा है, तो इसे जल्द से जल्द बदलें। कई लोग गुस्सा आने पर अपने मनपसंद गीत सुनते हैं। इस विधि को म्यूजिक थेरेपी कहते है। यह युक्ति भी बहुत अच्छी है। इस तरह आप आसानी से अपने गुस्से को काबू कर सकते हैं। मनोचिकित्सक भी इसकी सलाह देते हैं।