जगदलपुर। लोकसभा चुनाव में बस्तर के आदिवासियों का मूड साफ नजर आ रहा है। अशिक्षा के बावजूद वे मताधिकार की ताकत से परिचित हैं। मतदान के दो दिन पहले ही नक्सलियों ने दंतेवाड़ा जिले के श्यामगिरी में आइईडी ब्लास्ट किया था, जिसमें विधायक भीमा मंडावी समेत पांच जवानों की मौत हो गई थी। नक्सलियों का मकसद चुनाव रुकवाना था। बावजूद इसके मतदान केंद्र क्रमांक 220 श्यामगिरी में सुबह सात बजे से ही मतदान शुरू हो गया था। दंतेवाड़ा जिले के कुआकोंडा ब्लॉक मुख्यालय से करीब चार किलोमीटर दूर है श्यामगिरी मतदान केंद्र। यहां मतदान के आधे घंटे पहले से ही ग्रामीण दलों में मतदान के लिए पहुंचने लगे थे। उनके चेहरों पर दहशत कम आक्रोश ज्यादा नजर आ रहा है। यूं लग रहा है जैसे वे जानते हों कि उनका वोट ही नक्सलियों को चुनौती दे सकता है। लोकतंत्र को मजबूत करके ही वे इस समस्या से मुक्ति पा सकते हैं। नक्सली किसी बड़ी वारदात को अंजाम न दे सकें, इसके मद्देनजर यहां बड़ी संख्या में फोर्स को तैनात किया गया है। चप्पे-चप्पे पर जवानों की नजर है। ग्रामीण वोटर्स को किसी तरह की परेशानी वोट डालने में न हो, इसका खास ख्याल रखा जा रहा है। बता दें कि ये मतदान केंद्र नक्सली क्षेत्र होने की वजह से अति संवेदनशील है। बताया जाता है कि श्यामगिरी के आसपास कुछ दिन पहले सही नक्सली गतिविधियां बढ़ गई थीं। भीमा पर हमले की सुगबुगाहट पुलिस तंत्र को भी मिल गई थी। यही वजह है कि उन्हें श्यामगिरी जाने से रोका गया था।