भोपाल। मध्य प्रदेश में इस बार छिंदवाड़ा की चुनावी सियासत में दिलचस्प दृश्य बन रहा है। मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके पुत्र नकुलनाथ दोनों ही एक साथ एक ही दल से चुनाव मैदान में होंगे। 40 साल के राजनीतिक जीवन में 10 बार लोकसभा चुनाव जीत चुके कमलनाथ पहली बार विधानसभा का उपचुनाव लड़ रहे हैं, जबकि नकुल भी पहली बार कांग्रेस से लोकसभा प्रत्याशी घोषित किए गए हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ का निवास शिकारपुर छिंदवाड़ा शहर के समीप ही है, लेकिन तकनीकी रूप से वह सौंसर विधानसभा के दायरे में आता है। इसलिए कमलनाथ और उनका परिवार सौंसर विधानसभा क्षेत्र के मतदाता हैं, जबकि कमलनाथ स्वयं छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी हैं। इस तरह कमलनाथ स्वयं अपने लिए भी वोट नहीं दे पाएंगे और नकुल भी उन्हें वोट नहीं कर पाएंगे, लेकिन लोकसभा चुनाव के लिए कमलनाथ अपने पुत्र कांग्रेस प्रत्याशी नकुल को जरूर वोट दे सकेंगे। बताया जा रहा है कि नौ अप्रैल को कमलनाथ अपने पुत्र नकुल के साथ जाकर नामांकन पत्र जमा करेंगे। मुख्यमंत्री बनने के बाद कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में अनेक घोषणाएं भी की हैं। चुनावी बिसात पर उन्होंने बहुत पहले ही अपनी जमावट कर ली थी। छिंदवाड़ा में 29 अप्रैल को मतदान होना है, उल्टी गिनती प्रारंभ हो चुकी अब कुल 24 दिन शेष बचे हैं। प्रमुख प्रतिद्वंद्वी दल भाजपा अब तक यहां विधानसभा और लोकसभा के लिए उम्मीदवार घोषित नहीं कर पाई है।छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र की सातों विधानसभा सीट पर करीब साढ़े तीन महीने पहले हुए चुनाव में कांग्रेस का परचम लहराया था। इसलिए कांग्रेस यहां पूरी तरह आत्मविश्वास से लबरेज है। छिंदवाड़ा शहर की सीट से विजयी हुए दीपक सक्सेना ने इस्तीफा देकर कमलनाथ के लिए अपनी सीट खाली की है।