बचपन में गिरने वाले दूध के दांत को संजो कर रखना भविष्य में बहुत लाभदायक हो सकता है। अमेरिका में नेशनल रिसर्च सेन्टर फॉर बायोटेक्नोलॉजी के एक शोध में दावा किया गया है कि बचपन मे गिरने वाले दूध दांतों में मौजूद स्टेम सेल से कैंसर और हृदय संबंधी बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। शोधकतार्ओं के अनुसार बच्चों के दांत पर्यावरण के साथ ज्यादा समय तक संपर्क में नहीं रहते इसलिए ज्यादा खराब नहीं होते। जबकि, बड़े लोगों के दांत बहुत खराब हो जाते हैं। शोध के अनुसार बच्चों के दांतों में मौजूद स्टेम सेल की मदद से शरीर में आसानी से नई कोशिकाओं को उगाया जा सकता है। बच्चों के दांतों से मिलने वाला स्टेम सेल इलाज में इतना कारगर साबित हो सकता है कि अब शरीर के दूसरे हिस्से से बोन मैरो निकलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दांतों में मौजूद स्टेम सेल की खोज और उसपर शोध की प्रक्रिया अभी शुरूआती चरण में है, लेकिन भविष्य में इसकी मदद से कैंसर का इलाज करने और न्यूरल कोशिकाएं उगा कर हृदयाघात को रोकने में मदद मिल सकती है। वैज्ञानिकों के अनुसार दांतों में मिलने वाले स्टेम सेल की मदद से हड्डियों को, गुर्दे को और आंखों की टिश्यू को दोबारा उगाया जा सकता है। यह स्टेम सेल 10 साल के बच्चे के दांतों से मिल सकती हैं। चीन में बच्चों के दांतों के स्टेम सेल से बड़े लोगों में दोबारा दांत उगाया गया। यूनिवर्सिटी आॅफ पेंसिल्वेनिया के शोधकतार्ओं के अनुसार इस स्टेम सेल की मदद से उगाए गए दांतों से लोगों को दोबारा ठंडा-गर्म महसूस होने लगा।