नई दिल्ली – पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ने के बीच भारत सरकार ने सेना को मजूबती देने के लिए बड़ा फैसला किया है। रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को 10 लाख मल्टी-मोड हैंड ग्रेनेड खरीदने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस प्रस्ताव को मेक इन इंडिया के तहत पूरा किया जाएगा। इसके बाद भारतीय सेना को नई ताकत मिलेगी। बता दें कि इससे पहले केंद्र सरकार आधुनिक राइफलें खरीदने के लिए दो अहम अनुबंध भी कर चुकी है, जिसमें एक अमेरिकी कंपनी से 700 करोड़ रुपये में लगभग 75,000 एसआईजी साउर असॉल्ट राइफलें खरीदी जानी हैं। इसके अलावा भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम में लगभग 7.5 लाख आधुनिक राइफलों का निर्माण किया जाएगा। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में इसी हफ्ते हुई एक हाईलेवल बैठक में भारतीय कंपनी से 10 लाख हैंड ग्रेनेड खरीदने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई। यह प्रस्ताव 500 करोड़ रुपए से ज्यादा का है। इससे भारतीय सेना को नई ताकत मिलेगी। बता दें कि मार्च महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेठी में एक आॅर्डिनेंस फैक्ट्री का उद्घाटन किया था। सरकारी सूत्रों ने बताया था कि यहां दुनिया की सबसे खतरनाक असॉल्ट राइफल एके-203 राइफल का निर्माण किया जाएगा। फैक्ट्री में हर साल 75 हजार एके-203 राइफल बनाई जाएंगी। यह एके-47 राइफल का सबसे उन्नत संस्करण है। एके-203 का मैकेनिज्म एके-47 राइफल की तरह ही है, लेकिन नई राइफल एके-47 की तुलना में ज्यादा सटीक मार करेगी। नई असॉल्ट राइफल में एके-47 की तरह आॅटोमैटिक और सेमी आॅटोमैटिक दोनों सिस्टम होंगे। एक बार ट्रिगर दबाकर रखने से गोलियां चलती रहेंगी। एके-203 राइफल आयुध निमार्णी बोर्ड ओएफबी और रूस की कंपनी कंसर्न क्लानिश्नकोव के बीच रक्षा सौदे पर करार हुआ है।