राजस्थान में भले ही कांग्रेस वापस सत्ता में आ गई हो और जनसमर्थन फिर से हासिल कर लिया हो लेकिन राज्य में 25 में से कुछ लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां बीजेपी का जलवा अभी भी बरकरार है। कांग्रेस के लिए इन सीटों पर जीतना बेहद टेढ़ी खीर होगा। इन्ही कुछ सीटों में से एक है हड़ौदी संभाग की कोटा बूंदी लोकसभा सीट। कोटा-बूंदी लोकसभा सीट पर 29 अप्रैल को वोटिंग होगी। कोटा संभाग में दो लोकसभा सीटें आती हैं . कोटा बूंदी और झालावाड़ बारां। जनसंघ के दिनों से ही इन दोनों सीटों पर भगवा को अच्छा जनसमर्थन प्राप्त है। आजादी के बाद से कोटा बूंदी लोकसभा सीट पर 16 बार लोकसभा चुनाव हुआ है। 7 बार कांग्रेस और 7 बार बीजेपी ने जीत दर्ज की है। एक बार जनसंघ द्वारा समर्थित राम राज्य परिषद और एक बार जनता पार्टी ने जीत हासिल की। 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में इस क्षेत्र से बीजेपी के ओम बिरला ने कांग्रेस के प्रत्याशी इज्यराज सिंह को हराकर जीत हासिल की थी। 2018 में प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इज्यराज सिंह कांग्रेस को छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए। जिसके बाद अब यह देखना बेहद दिलचस्प होने वाला है कि बीजेपी इस बार इस क्षेत्र से चुनाव में किस पर दांव लगाती है। क्या बीजेपी एक बार फिर ओम बिरला को चुनावी मैदान में उतारेगी या फिर इज्यराज को मौका देगी। उधरए सभी समीकरणों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस भी कोई नया चेहरा उतार सकती है। यहां आठ विधानसभा सीटें हैं. कोटा दक्षिण कोटा उत्तर लाडपुरा सांगोद रामगंजमंडी पीपल्द बूंदी और केशवरायपाटन। दिसंबर 2018 के विधानसभा चुनाव में नतीजों में भले ही राज्य की सत्ता कांग्रेस के पास चली गई हो लेकिन यहां की 8 विधानसभा सीटों में 5 पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। वहीं 2013 के विधानसभा चुनाव में पूरी 8 पर बीजेपी का परचम लहराया था। 2008 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी कांग्रेस ने 4.4 सीटें जीती थीं।