आपका बच्चा हो सकता है डिसलेक्सिया डिसआॅर्डर का शिकार

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नया-नया पढ़ना-लिखना सीख रहे बच्चों को अक्सर शुरूआत में अक्षर सही लिखने में परेशानी होती है। यह समस्या कुछ समय तक रहती है, और जैसे-जैसे उनकी उम्र आगे बढ़ती है यह दिक्कत खत्म हो जाती है। मगर यह समस्या ज्यादा लंबी खिंच रही है, तो आपको तुरंत अलर्ट होने की जरूरत है। यह संकेत है कि आपका बच्चा डिसलेक्सिया डिसआॅर्डर का शिकार हो सकता है।

आपने अगर आमिर खान की फिल्म तारे जमीन पर देखी हो, तो आपको याद होगा उसके किरदार इशान को लिखने-पढ़ने संबंधी डिसआॅर्डर था। यह परेशानी होने पर बच्चों को लिखने-पढ़ने संबंधी दिक्कत होती है।

क्या होता है डिस्लेक्सिया

डिस्लेक्सिया में पढ़ना, लिखना और शब्दों का विन्यास कर पाना मुश्किल होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मस्तिष्क शब्दों या अक्षरों को मिला देता है। डिस्लेक्सिया से ग्रस्त बच्चे अक्सर बोलने वाले और लिखित शब्दों को याद नहीं रख पाते हैं। हालांकि डिस्लेक्सिया होने का मतलब यह बिल्‍कुल नहीं है कि आपके बच्चे की सीखने की क्षमता बाकि बच्चों से कम है। फर्क इतना है कि अच्छी तरह से पढ़ने में सक्षम नहीं होने के कारण बच्‍चों को कई चीजें समझ पाना मुश्किल हो सकता है। डिस्लेक्सिया तीन प्रकार के होते हैं।

प्राइमरी डिस्लेक्सिया : इसमें बच्चें अक्षर और संख्या की पहचान करना, पढ़ना, मापना, समय देखना और अन्य गतिविधियां नहीं कर पाते।

सेकेंड्री डिस्लेक्सिया : इसकी समस्या भ्रूण में बच्चों का दिमागी विकास न होने के कारण होती है। इससे शब्दों की पहचान और उनकी बोलने में समस्या आती है।

ट्रॉमा डिस्लेक्सिया : इसकी समस्या बच्चों में दिमागी चोट लगने के कारण देखने को मिलती है। इसमें बच्चे शब्दों की ध्वनि नहीं सुन पाते हैं इसलिए उन्हें शब्द बोलने और पढ़ना सीखने में कठिनाई होती है।

डिस्लेक्सिया की पहचान
अक्षरों को उल्टा लिखना
हिंदी में मात्रा उलट-पलट कर देना
शब्द उल्टा लिखना
सेंटेंस बनाने में दिक्कत होना
बिना बात के गुस्सा होना
लोगों से मिलने में असहज होना
शब्दों के उच्चारण में दिक्कत होना
धीरे सीखने की समस्या
हैंडराइटिंग खराब होना

ऐसे करें बच्चों से बर्ताव
डिस्लेक्सिया ग्रस्त बच्चों को बहुत छोटी-छोटी उपलब्धियों में प्रोत्साहित करना चाहिए। उनके साथ बात करते समय बहुत धैर्य से काम करना चाहिए। उन्हें अकेलेपन क एहसास न होने दें। कठिन शब्द या अक्षरों को याद करना है, तो उसे तोड़ दें। ऐसे बच्चे दूसरों से तुलना होने पर असहज हो जाते हैं। यह उनके मोराल को तोड़ सकता है। उनकी हॉबी पेंटिंग, डांसिंग या स्विमिंग या कोई अन्य एक्टिविटी को प्रोत्साहित करें। क्लास में ऐसे बच्चों के साथ नर्मी से पेश आया जाए, उनका मजाक नहीं उड़ाया जाए। इन बच्चों के लिए अलग तरह से पढ़ाने का तरीका बनाया जाए और उसमें गैप न किया जाए।

यह भी थे डिस्लेक्सिया के शिकार

महान विज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन

साइंटिस्ट थॉमस एडीसन

महान चित्रकार लियोनार्डो दा विंसी

डिज्नी के फाउंडर वॉल्ट डिज्नी

महान चित्रकार पॅबलो पिकासो

अभिनेता अभिषेक बच्चन

महान बॉक्सर मुहम्मद अली