गांवों की समृद्धि के लिए जलस्रोतों को पुर्नजीवित करना जरूरी

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रायपुर। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए नई सरकार ने सुराजी गांव योजना शुरू की है। इस योजना में नरवा, गरूवा, घुरवा और बारी के संरक्षण, संवर्धन और विकास पर फोकस किया गया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में गांवोंं और किसानों की समृद्धि के लिए द्विफसलीय क्षेत्रों का विस्तार जरूरी है, इसके लिए हमें जल स्त्रोतों (नदी-नालों और तालाब) को पुर्नजीवित करना होगा। श्री अकबर यहां अटल नगर (नया रायपुर) स्थित अरण्य भवन में नरवा विकास योजना पर कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। वन मंत्री ने कहा कि राज्य में 36 हजार छोटे-बड़े नाले हैं। यह देश में दूसरा सबसे बड़ा रिवर्राईन क्षेत्र है। नदी-नालों के जल को व्यवस्थित प्रबंधन और संरक्षण कर राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। नदी-नालों के जलग्रहण क्षेत्रों में जरूरी संरचनाओं का निर्माण कर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता विकसित की जा सकती है। नदी-नालों के पुर्नजीवन और उनके जल के प्रबंधन के लिए व्यावहारिक कदम के साथ ही तकनीकी जानकारी का उपयोग करना होगा। उन्होंने ग्रामीणों से भी नदी-नालों के पुर्नजीवन के लिए मिलने वाले सुझावों पर ध्यान देने की जरूरत बतायी। श्री अकबर ने कहा कि नदी-तालाब और नाले जल के मुख्य स्रोत है, मगर शहरीकरण के कारण तालाब कम होते जा रहे हैं। उन्हें भी संरक्षित करने की कार्ययोजना बनाई जाना चाहिए। नरवा विकास के जरिए भू-जल स्तर को बढ़ाया जा सकता हो। वनक्षेत्रों में भी वन्यप्राणियों के रहवास में सुधार करने से उनके लिए वर्ष भर जलस्रोत उपलब्ध कराया जा सकेगा। वन के ढालान क्षेत्र में जल एवं मिट्टी को बहने से रोक कर जल स्तर को बढ़ाया जा सकता है तथा मिट्टी की गुणवत्ता बनायी रखी जा सकती है।
राज्य में व्यापक नदी नालों के प्रवाह तंत्र
अपर मुख्य सचिव सी.के. खेतान ने कहा कि राज्य में व्यापक नदी नालों के प्रवाह तंत्र है, यहां भरपूर बारिश होती है लेकिन जल संसाधनों के प्रबंधन और संरक्षण पर उचित पहल नहीं होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि की संभावनाओं का पर्याप्त दोहन नहीं हो पा रहा है। राज्य शासन ने सुराजी गांव योजना शुरू की गई है। इस कार्यशाला से नरवा पुर्नजीवन के लिए उपयोगी सुझाव मिलेंगे। मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप कुमार शर्मा ने नरवा विकास योजना पर प्रस्तुतिकरण दिया। कार्यशाला में कृषि उत्पादन आयुक्त के.डी.पी. राव , प्रधान मुख्य वन संरक्षक मुदित कुमार सिंह, जल संसाधन विभाग के सचिव अविनाश चम्पावत ने भी विचार व्यक्त किए। इस मौके पर वन विकास समिति के सदस्यगण और सामाजिक संस्थाओं से जुड़े प्रतिनिधि उपस्थित थे।