नई दिल्ली। वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाही नौ महीने में 18 सरकारी बैंकों से 1.17 लाख करोड़ रुपये की धोखाधड़ी सामने आई है। यह धोखाधड़ी 8,926 मामलों में की गई है। धोखाधड़ी का सबसे ज्यादा शिकार देश का सबसे बड़ा कर्जदाता बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया हुआ है। आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौर को सूचना के अधिकार के तहत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से यह जानकारी मिली है। बताया कि दिसंबर 19 तक नौ महीने के दौरान 30,300 करोड़ के धोखाधड़ी के 4,769 मामले एसबीआई ने दर्ज कराए। सरकारी बैंकों में 1.17 लाख करोड़ की धोखाधड़ी के मामलों का यह 26 फीसदी है। पंजाब नेशनल बैंक को 294 मामलों में 14,928.62 करोड़ का चूना लगा। नुकसान में वह एसबीआई के बाद दूसरे नंबर पर रहा है।
वहीं दूसरी ओर बैंक ऑफ बड़ौदा में 250 मामलों में 11,166.19 करोड़ की धोखाधड़ी सामने आई। इलाहाबाद बैंक ने 860 मामले दर्ज कराए, जिसमें 6,781.57 करोड़ की धोखाधड़ी सामने आई। बैंक ऑफ इंडिया के 161 मामलों में 6,626.12 करोड़, यूनियन बैंक के 292 मामलों में 5,604.55 करोड़ का चूना लगा। ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स ने 282 मामले दर्ज कराए, जिससे 4,899.27 करोड़ की धोखाधड़ी हुई। केनरा बैंक, सिंडिकेट बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, आंध्र बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक और पंजाब व सिंध बैंक में 1,867 मामले सामने आए, जिसमें कुल 31,600.76 करोड़ की धोखाधड़ी सामने आई।