नई दिल्ली। भारत की थल और वायु सेना की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए डिफेंस रिसर्च एंड डवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) प्रनाश मिसाइल का विकास कर रहा है। 200 किमी रेंज की इस टैक्टिकल बैलेस्टिक मिसाइल को पारंपरिक वारहैड से लैस किया जा सकेगा। इस मिसाइल का उपयोग किसी भी सामरिक व रणनीतिक लक्ष्यों को खत्म करने के लिए होगा।
प्रहार के आधुनिक प्रारूप
प्रनाश को प्रहार मिसाइल का आधुनिक रूप माना जा रहा है। प्रहार की क्षमता 150 किमी दूरी तक वार करने की है। इसे भी टेक्टिकल मिशन के लिए डीआरडीओ द्वारा विकसित किया जा रहा है। वहीं सतह से सतह पर मार करने के लिए यह ठोस ईंधन का उपयोग करती है।