नई दिल्ली। एक तरफ रमजान माह की शुरूआत हो चुकी है, तो दूसरी तरफ पाकिस्तान में बढ़ी कीमतों ने लोगों की सांसें फुलाकर रख दी हैं। पाकिस्तान में काफी समय से मुद्रास्फीति की दर में लगातार तेजी देखने को मिल रही है। इतना ही नहीं, खाने-पीने की जरूरी चीजों की बढ़ी कीमतों से हर जगह देश मेंं लोगों की नाराजगी साफतौर पर झलक रही है। अब यह नाराजगी नेशनल असेंबली तक पहुंच चुकी है। इसकी वजह से विपक्ष ने वॉकआउट तक किया है। असल में खाने-पीने की चीजों के अलावा सरकार ने तेल और गैस के दामों में करीब नौ रुपये की वृद्धि कर दी है। इसके बाद ही सरकार के खिलाफ विपक्ष का गुस्सा असेंबली में फूटा है। विपक्ष ने सरकार को चेतावनी तक दे दी है कि यदि बढ़ी कीमतें वापस नहीं हुईं तो हर गली और हर मुहल्ले में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए लोग निकल जाएंगे। पाकिस्तान में इस वक्त मीट, घी, कुकिंग आॅयल, आटा, प्याज, चिकन और फल समेत अन्य चीजों की भी कीमतें आसमान छू रही हैं। मीट की ही बात करें तो इसकी कीमत में 50 रुपये तक, बोनलेस मीट की कीमत में करीब 40 रुपये की तेजी आई है। इलाके के हिसाब से कुछ जगहों पर कीमतों में और भी तेजी आई है। थोक मार्केट की ही बात करें तो मटन के मीट की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है। चिकन की कीमत में तो यह तेजी करीब 80-100 रुपये तक दर्ज की गई है। वहीं, अलग-अलग वेराइटी वाली ब्रेड की कीमत चार रुपये से लेकर 10 रुपये तक बढ़ चुकी है। इसके अलावा बर्गर में इस्तेमाल होने वाले बन की कीमत करीब आठ रुपये, मक्खन की कीमत चार रुपये से लेकर चालीस रुपये तक, चीनी करीब 15 रुपये, प्याज करीब 30-40 रुपये, घी करीब 5 रुपये, खजूर 150-300 रुपये, खरबूज करीब 20 तक महंगा हो चुका है। आपको यहां पर बता दें कि पिछले माह ही पाकिस्तान में दूध की कीमत 23 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी होने के बाद यह कीमत 180 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई थी। बढ़ती कीमतोंं की वजह से व्यापारी समेत आम आदमी भी परेशान हो रहा है। बीते कई वर्षों में रमजान का यह माह लोगों के लिए सबसे महंगा साबित हो रहा है। आलम ये है कि पाकिस्तान का मध्यमवर्गीय परिवार इसको लेकर आवाज बुलंद करने को तैयार दिखाई दे रहा है। रमजान के माह की शुरूआत में ही बढ़ी कीमतों से सरकार की महंगाई कम करने की मंशा पर भी सवालिया निशान लग गया है। महंगाई का आलम ये है कि पिछले पांच वर्षों में लगातार चीजें महंगी हुई हैं। पाकिस्तान की सबसे बड़ी थोक मार्केट जोडिया बाजार के व्यापारी बढ़ती कीमतों की वजह सरकार की गलत नीतियां बता रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि पाकिस्तान में लगातार चीजों की कीमतें आसमान छू रही हैं। ऐसे में सरकार गैस और तेल के दामों में कमी करने की बजाए उन्हें और महंगा कर रही है। इसकी वजह से मजबूरन उन्हें भी अपने सामान की कीमत बढ़ानी पड़ रही है। ये सभी आम लोगों को हो रही दिक्कत को बखूबी समझ रहे हैं, लेकिन यदि ये भी कीमतें नहीं बढ़ाएंगे तो फिर इनके नुकसान की भरपाई कौन करेगा।