भुवनेश्वर। चक्रवाती तूफान फेनी गुजर चुका है लेकिन इसने ओडिशा में जो तबाही मचाई है उसे देखना दुखद है। हालांकि, इसकी सबसे खास बात यह रही कि इस तूफान की वक्त पर सटिक भविष्यवाणी ने सैकड़ों जानें बचा लीं लेकिन फिर भी अब तक 39 लोगों के मारे जाने की सूचना है। तूफान के गुजर जाने के दो दिन बाद प्रधानमंत्री मोदी सोमवार सुबह भुवनेश्वर पहुंचे। यहां एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने उनका स्वागत किया। इसके बाद पीएम मोदी फेनी तूफान की वजह से राज्य के प्रभावित इलाकों का दौरा करने निकले। हवाई सर्वेक्षण के दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और राज्यपाल गणेशी लाल मौजूद थे। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री और अधिकारियों से राहत कार्यों पर चर्चा की। विनाशकारी तूफान फेनी के गुजर जाने के 36 घंटे बाद भी ओडिशा के प्रभावित इलाकों मे व्यवस्था पटरी पर नहीं आ सकी है। पुरी व खुर्दा जिले सर्वाधिक प्रभावित हैं। यहां बिजली-पानी व खाद्य सामर्ग्री का संकट अभी भी बना हुआ है। पुरी जिले में स्थित 21वीं सदी के ऐतिहासिक श्रीमंदिर अर्थात भगवान जगन्नाथ के मंदिर का एक हिस्से को शुक्रवार को आए तूफान के प्रभाव से आंशिक रूप से क्षति पहुंची है। लेकिन मंदिर की मुख्य इमारत को कोई नुकसान नहीं हुआ है। यह जानकारी मंदिर के मुख्य प्रशासक पीके महापात्रा ने दी है। हवाई सेवा बहाल होने के साथ ही भुवनेश्वर से ट्रेनों का आवागमन भी शुरू हो गया है। इधर, पूर्व तट रेलवे के सूत्रों के अनुसार तूफान के कारण भुवनेश्वर, पुरी व खुर्दा रेलवे स्टेशनों को भारी नुकसान हुआ है जिनकी मरम्मत का कार्य धीरे-धीरे चल रहा है। वहीं, दक्षिण पूर्व रेलवे के सूत्रों के अनुसार हावड़ा से भुवनेश्वर होते हुए तीन स्पेशल ट्रेनों हावड़ा-यशवंतपुर, हावड़ा-वास्कोडिगामा और हावड़ा चेन्नई सेंट्रल का संचालन किया जाएगा। इसके अलावा अन्य ट्रेने पहले की तरह रद रहेंगी। सूत्रों ने बताया कि आठ मई के बाद रेल सेवा सुचारू हो सकेगी।