भुवनेश्वर/रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ के कोरबा पहुंचकर नक्सली हमले में मारे गए भाजपा विधायक भीमा मंडावी और शहीद हुए चार जवानों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, दुर्भाग्यपूर्ण हैं कि हमला वहां पर हुआ, जहां नक्सलियों के प्रभाव को बहुत कम किया जा चुका था। सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्यों हुआ, विधानसभा चुनाव के दौरान आया था, कांग्रेस के नेताओं की बातों को याद दिलाया था। नक्सलियों को क्रांतिकारी कहने का दौर चल पड़ा था। वो (कांग्रेस) नक्सलियों को क्रांतिकारी कहते हैं। छत्तीसगढ़ में कैसी राजनीति हो रही है। गांव-गांव विकास पहुंचे, हम इसमें लगे हैं। वहींए दूसरी ओर हिंसा को बढ़ाने की साजिश चल रही है। माओवादियों, नक्सलियों को बढ़ावा देने वालों से सावधान रहने की जरूरत है। मोदी ने कहा, कांग्रेस का घोषणा पत्र नही, ढकोसला पत्र है। उसमें से इसकी बू आ रही है। कांग्रेस का कहना है कि दिल्ली में उनकी सरकार बनी तो राष्ट्रद्रोह का कानून खत्म कर देगी। इसका मतलब जो अपनी राजनीति के लिए यहां के बच्चों, युवाओं को भड़काते हैं। उस पर राजनीति करते हैं। इसके चलते उन्हें खुली छूट मिल जाएगी। फिर वैसी कार्रवाई नहीं हो पाएगी जैसी होनी चाहिए। क्या राष्ट्रद्रोह का कानून हटना चाहिए ? कांग्रेस का हाथ विकास नहीं विनाश के साथ है। छत्तीसगढ़ को लैंडमाइन चाहिए या फिर पानी की लाइन चाहिए। सिर्फ नक्सलियों के साथ ही नहीं, देश के टुकड़े -टुकड़े करने वालों के साथ भी कांग्रेस का हाथ है। प्रधानमंत्री ने कहा, जम्मू-कश्मीर में जवान शहादत दे रहे हैं, कांग्रेस का पंजा उन्हें भी कमजोर करना चाहता है। कांग्रेस कहती है कि जो उनको सुरक्षा कवच मिला है, उसे भी हटा लिया जाएगा। क्या ये सही है। हमारे देश की रक्षा करने वाले जवानों को जो अधिकार मिला है, कांग्रेस उसे छीनना चाहती है। कांग्रेस जमीन से इतना कट चुकी है कि वो देश के लोगों की भावनाएं, जरूरतें समझ नहीं पा रही है। एक परिवार की गुलामी, एक परिवार की बात मानने की आदत पड़ गई है।छत्तीसगढ़ में सबकुछ दिल्ली से तय हो रहा है। गरीबों को दी जाने वाली आयुष्मान योजना बंद कर दी गई। ऐसा पाप करने वालों को सजा दोगे या नहीं। प्रदेश को हिंसा में धकेलने की साजिश चल रही है। किसानों की सेवा के लिए योजना चलाई, लेकिन उसे भी कांग्रेस नहीं देना चाहती है। उसने अभी तक किसानों की सूची ही नहीं भेजी। यह लोगों के साथ किसानों के साथ विश्वासघात है। कांग्रेस को धोखा देने में पीएचडी कर ली है। उसकी न तो नीयत साफ है न नीति। एक बार दिल्ली में सरकार बन गई तो ये माला माल हो जाएंगे। कोयला खदानों की बंदरबांट शुरू हो जाएगी। पीएम किसान योजना का ठीक से क्रियान्चयन नहीं किया। 2022 तक सभी परिवार, जिनके पास अपना पक्का घर नहीं है। उन सभी परिवारों को पक्का घर मिले। ये मोदी है, जो वादा करता है, पूरा करता है। दिनरात मेहनत करता है, जी जान से जुड़ जाता है। सिर्फ मकान नहीं, बिजली, एलईडी बल्ब, शौचालय होगा। 23 मई को चुनाव का नतीजा आएगा, तब एक बार फिर मोदी सरकार आने वाली है। सारे मोदी चोर क्यों है। अब यहां के साहू समाज गुजरात में होता तो उन्हें भी मोदी कहा जाता। क्या वो चोर है, क्या ऐसी भाषा बोली जाती है। कांग्रेस कहती है सबको चौकीदार के नारे लगवाए। माई जन, भाई जन, महतारी जन,सब चौकीदार। भारत माता की जय। हम सब जन चौकीदार का नारा लगवाया। मोदी ने ओडिशा में कहा- उनकी प्राथमिकता सिर्फ मलाई खाने की रही, इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ओडिशा में संबलपुर की चुनावी सभा में कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा था। जिनकी प्राथमिकता सिर्फ मलाई खाने की रही हो, उनको आपकी चिंता कैसे होगी चिटफंड और खनन माफिया को ही अगर सरकारें संरक्षण देती रहेंगी, तो सामान्य मानवी की चिंता कैसे संभव है। कोल ब्लॉक घोटाले में किस तरफ उंगलियां उठी हैं, ये भी ओडिशा के लोग भली-भांति जानते हैं।