भावनगर। विभिन्न नेताओं की ओर से धर्म के नाम पर डराने और वोट पाने की हो रही कोशिशों के बीच केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जनता और अपने कुछ नेताओं को भी स्पष्ट किया कि भाजपा की यह विचारधारा नहीं है। पार्टी अल्पसंख्यों को डराकर नहीं उनके मन में विश्वास पैदा कर सरकार बनाना चाहती है। उनके मन में नफरत नहीं प्यार पैदा कर साथ लाना चाहती है। गुजरात की तीन चुनावी सभाओं में उन्होंने बार-बार यह दोहराया और यह भी याद दिलाया कि न तो संघ नफरत की बात करता है और न ही मोदी सरकार। शुक्रवार को राजनाथ ने गुजरात में तीन सभाएं कीं और जाहिर तौर पर मुख्य मुद्दा राष्ट्रवाद ही था। देशद्रोह कानून खत्म करने के कांग्रेस के वादे पर पलटवार किया, कश्मीर समस्या के लिए नेहरू को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने अनुच्छेद 370 और 35 ए को खत्म करने का संकल्प जताया और मजबूत सरकार के नाम पर वोट मांगा। गृह मंत्री ने कहा कि देश को तोड़ने वालों पर कोई नरमी नहीं होगी फिर वह चाहे हिंदू हो या मुस्लिम। तुस्टीकरण किसी का नहीं होगा और न ही भेदभाव। सरकार देशद्रोह कानून को और कठोर बनाएगी। राफाल को लेकर चौकीदार चोर है के कांग्रेस के नारे का भी जवाब दिया। अपनी स्वाभाविक भाषण शैली से अलग हट कर उन्होंने कहा, चौकीदार प्योर है, उसका आना श्योर है, गली गली में शोर है, मोदी वन्स मोर है। उन्होंने कहा कि राफेल का असली मायने तो ष्राहुल फेल है। पर तीनों रैलियों में उनका सबसे ज्यादा जोर सामाजिक समरसता को लेकर था और जनता ने इसे खूब सराहा भी। उन्होंने कहा, कांग्रेस आपको डराए, भाजपा का भय दिखाए या फिर इक्का दुक्का नेता कुछ कहें तो बहकावे में मत आना, मैं देश के गृह मंत्री और संघ के पुराने स्वयं सेवक होने के नाते कह रहा हूं, हम सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं।