सरकारी गैस कंपनी इण्डेन की लापरवाही की वजह से 58 लाख से ज्यादा ग्राहकों के आधार नंबर और अन्य डेटा लीक हो गए है। यह दावा फ्रांस के एक रिसर्चर ने किया है। रिसर्चर बाप्टिस्ट रॉबर्ट ने एलियट एल्डरसन नाम से मौजूद ट्विटर हैंडल पर बताया कि लोकल डीलर्स के पोर्टल पर सत्यापन नहीं होने की वजह से इण्डेन के ग्राहकों के नाम, पते और आधार नंबर लीक हो रहे हैं। बाप्टिस्ट रॉबर्ट ने पहले भी आधार लीक के मामलों को उजागर किया है। उन्होंने सोमवार रात को एक ब्लॉग पोस्ट के जरिए कहा कि 67 लाख डीलर्स और डिस्ट्रिब्यूटर्स का आधार डेटा लीक हुआ है। रॉबर्ट ने खुलासा किया कि पाइथन स्क्रिप्ट नाम के तकनीकी कोड के जरिए उन्होंने 11,000 डीलर्स के लॉगिन आईडी हासिल कर लिए। इनमें से 9,490 डीलर से जुड़े 58 लाख 26 हजार 116 ग्राहकों के डेटा अगले 1-2 दिन में ही एक्सेस हो गए। इसके बाद इण्डेन ने आईपी एड्रेस ब्लॉक कर दिए। आईपी एड्रेस ब्लॉक होने की वजह से वो बाकी 1,572 डीलर की जांच नहीं कर पाए। लेकिनए इनसे जुड़े ग्राहकों को भी शामिल किया जाए तो कुल 67 लाख 91 हजार 200 ग्राहकों का डेटा लीक हो सकता था। यह दूसरी बार है जब इण्डेन गैस के ग्राहकों का डेटा लीक हुआ है। इससे पहले मार्च 2018 में भी कंपनी के ग्राहकों की डिटेल लीक हुई थी। टेक्नोलॉजी से जुड़ी जानकारी देने वाली वेबसाइट ळीूूँ१४ल्लूँ के अनुसार सिक्योरिटी में हुई चूक के कारण ऐसा हुआ है। खबर के मुताबिक वेबसाइट का यह पेज गूगल से इंडेक्स्ड थाए जिसके कारण यह सबके लिए एक्सेसेबल हो गया। इस बारे में पता लगाने वाले रॉबर्ट का कहाना है कि उन्हें एक टिप मिली थी जिसमें इंडेन की वेबसाइट पर लोगों का आधार डेटा अपडेट होने की बात कही गई थी। हालांकि अब पेज से आधार नंबर को हटा लिया गया है।