भारतीय मूल का बच्चा बना नई कैंसर थेरेपी लेने वाला पहला रोगी

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लंदन। भारतीय मूल का 11 वर्षीय बच्चा ऐसा पहला रोगी है, जिसे नई कैंसर थेरेपी दी गई है। ब्रिटेन के सरकार पोषित नेशनल हेल्थ सर्विस ने यह थेरेपी दी है और लंदन में बच्चों के अस्पताल में भर्ती बच्चे की हालत में सुधार हो रहा है।युवान ठक्कर दोबारा गंभीर ल्यंफोब्लास्टिक लेउकैमिआ से पीड़ित हो गया था। उसे क्यमरिआह के नाम से ज्ञात अभूतपूर्व इलाज मुहैया कराया गया। एक प्रकार की इम्यूनोथेरेपी क्यमरिआह को सीएआर-टी थेरेपी कहा जाता है। इससे रोगी की इम्यून प्रणाली सेल्स में सुधार होता है। इम्यून प्रणाली सेल्स को टी सेल्स कहा जाता है। यह काम कैंसर सेल्स पर हमला करने के लिए किया जाता है। क्रिकेट के फैन इस बच्चे की हालत में सुधार हो रहा है। उसे इसी सप्ताह ओरमांड अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अंतिम परिणाम सामने आने में कुछ समय लगेगा। अस्पताल द्वारा जारी बयान में युवान ने कहा है, “मुझे पूरी उम्मीद है कि मैं जल्दी ही ठीक हो जाउंगा। मैं डेनमार्क में लीगो हाउस जा सकूंगा। मैं लीगो को पसंद करता हूं और अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान मैं बुगती का बड़ा माडल बना रहा हूं।”