कांग्रेस में अगला अध्यक्ष चुने जाने की प्रकिया हफ्ते दस दिनों में शुरू हो जाएगी

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नई दिल्ली । राहुल गांधी ने एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी संभालने से मना कर दिया है और यह भी कहा है कि कांग्रेस को एक महीने में ही अपना अध्यक्ष चुन लेना चाहिए। अब यदि सूत्रों की मानें तो कांग्रेस में अगला अध्यक्ष चुने जाने की प्रकिया हफ्ते दस दिनों में शुरू हो जाएगी। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को अब लगने लगा है कि नया अध्यक्ष चुनने में ही भलाई है क्योंकि राहुल को मनाने की सारी कोशिशें फेल हो गई हैं और इससे को पार्टी को काफी नुकसान हो रहा हैं। कांग्रेस तेलंगाना में टूट गई है, पंजाब में जहां पार्टी सत्ता में है मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिद्धू का झगड़ा पार्टी को नुकसान पहुंचा रहा हैं। यही नहीं सबसे ताजा दबाव एनसीपी की तरफ से है जो महाराष्ट्र में जल्दी से गठबंधन को अंतिम रूप देना चाहती हैं। एनसीपी को कांग्रेस की तरफ से मल्लिकार्जुन खडगे ने बताया है कि एक हफ्ते में पार्टी में यानि कांग्रेस में स्थिति साफ हो जाएगी, उसके बाद वो एनसीपी से गठबंधन पर बातचीत करने आएंगे। अब यह भी तय हो गया है कि कोई गैर गांधी ही कांग्रेस का अध्यक्ष होगा। वैसे एक प्रस्ताव यह भी था कि सोनिया गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाए और उनके नीचे तीन या चार उपाध्यक्ष बनाए जाएं, जैसे कि कांग्रेस ने दिल्ली में शीला दीक्षित के साथ किया हैं। मगर यह प्रस्ताव भी नामंजूर हो गया, अब यह भी पक्का है कि कोई गैर गांधी ही कांग्रेस का अगला अध्यक्ष होगा। हाल के वर्षों में 1991 से लेकर 1996 तक नरसिंहा राव कांग्रेस के अध्यक्ष थे. उनके बाद 1996 से 1998 तक सीताराम केसरी अध्यक्ष रहे, जो गैर गांधी थे. उसके बाद सोनिया गांधी अध्यक्ष बनीं और फिर राहुल गांधी. वैसे तो कांग्रेस में इसके लिए नामों की कोई कमी नहीं है जैसे मनमोहन सिंह, एंटनी, मोतीलाल वोरा, कर्ण सिंह, खडगे, अहमद पटेल, अंबिका सोनी, गुलाम नबी आजाद, तरुण गोगोई, वीरप्पा मोईली, ओमन चांडी, सुशील कुमार शिंदे से लेकर मीरा कुमार तक बाकी कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों के नामों की भी चर्चा है, मगर इतना तो तय है कि कांग्रेस को एक नया अध्यक्ष जल्द मिलने वाला है जो गैर गांधी होगा और उसे गांधी परिवार का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा।