नई दिल्ली। केंद्र में अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करने जा रही एनडीए सरकार का शपथग्रहण समारोह गुरुवार को होगा। इसके लिए व्यापक तैयारियां की जा चुकी हैं। इसी बीच नेताओं में इस बात को लेकर उत्साह बना हुआ है कि आखिर मंत्री पद किसे-किसे मिलता है। माना जा रहा है कि मोदी कैबिनेट में इस बार 50 से ज्यादा सांसदों को जगह मिलने का अनुमान है। दूसरी ओर 20 से ज्यादा नए चेहरों को मौका मिल सकता है लेकिन कुछ ऐसे नाम भी हैं जिन पर पहले ही मत्री पद की मुहर लगी हुई है। ऐसे नामों में राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण और स्मृति ईरानी आदि शामिल हैं। पर्ू्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली इस बार मोदी कैबिनेट में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने ट्विटर पर ट्वीट कर एनडीए सरकार का शपथग्रहण समारोह के पहले इसकी जानकारी दी है। इसका कारण उनका स्वास्थ्य बताया जा रहा है। अब एनडीए के खेमे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि वित्त मंत्रालय किसे सौंपा जाता है। मिले प्रचंड बहुमत के बाद केंद्र की मोदी सरकार गुरुवार को अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेगी। इस बार जितनी चर्चा मोदी सुनामी की हो रही है, उससे कहीं ज्यादा चर्चा इस लहर पर सवार होकर लोकसभा पहुंचने वाले सांसदों और विशेषकर पहली बार लोकसभा पहुंचे सांसदों की हो रही है। भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए को इस बार लगभग हर राज्य से बंपर सीटें मिली हैं, लिहाजा हर कहीं से मंत्री बनाने की चचार्एं भी चल रही हैं। ऐसे में एक अनुमान ये भी लगाया जा रहा है कि मोदी कैबिनेट में इस बार 20 से ज्यादा नए चेहरों को जगह मिल सकती है। जानतें हैं कौन से होंगे ये नए चेहरे और कौन-कौन है कैबिनेट की संभावित सूची में। मोदी कैबिनेट में इस बार 50 से ज्यादा सांसदों को जगह मिलने का अनुमान है। इसमें छह नाम तो तय माने जा रहे हैं, लेकिन कुछ पुराने नामों पर संशय की स्थिति बनी हुई है। इन सबके बीच सबसे ज्यादा चर्चा है मोदी कैबिनेट में शामिल होने वाले 20 से ज्यादा नए चेहरों की। मालूम हो कि गुरुवार को होने वाली से पहले भाजपा आला कमान की बैठकों का दौर जारी है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य वरिष्ठ नेता कई दौर की बैठक कर चुके हैं। माना जा रहा है बैठकों का ये दौर कैबिनेट के स्वरूप को लेकर चल रहा है। लंबे समय से बीमार चल रहे वरिष्ठ भाजपा नेता और राज्यसभा सदस्य अरुण जेटली इस बार मोदी कैबिनेट में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने खुद ट्विटर के जरिए इसकी जानकारी दी है। मालूम हो कि स्वास्थ्य वजहों से अरुण जेटली इस बार के लोकसभा चुनाव में भी ज्यादा सक्रिय नहीं रहे थे। भाजपा को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद 16वीं लोकसभा को भंग करने के लिए की गई सरकार की कैबिनेट बैठक में भी वह शामिल नहीं हो सके थे। ऐसे में सरकार को अब उनकी जगह नए वित्त मंत्री का चुनाव भी करना है। भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए को लगभग प्रत्येक राज्य से बंपर सीटें मिली हैं, लिहाजा हर कहीं से मंत्री बनाने की चचार्एं भी चल रही हैं।