पूर्व एटीएस चीफ और 26/11 हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे पर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर द्वारा दिए गए विवादित बयान पर प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। इसी कड़ी में भोपाल लोकसभा सीट से उनके प्रतिद्वंदी दिग्विजय सिंह का भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने देश के लिए शहादत दी है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैंने तय किया है विपक्ष के सवालों के जवाब नहीं दूंगा। लेकिन हेमंत करकरे कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अफसर थे। देश की सुरक्षा के लिए शहीद हुए। उनकी शहादत पर हमको गर्व होना चाहिए। जिसने देश के लिए शहादत दी, उसके बारे में किसी तरह की टिप्पणी नहीं करना चाहिए। दरअसल, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का आरोप है कि 26/11 हमले में शहीद हुए एटीएस चीफ हेमंत करकरे को उनके कर्मों की सजा मिली। उनके कर्म ठीक नहीं थे, इसलिए उन्हें संन्यासियों का श्राप लगा था। साध्वी प्रज्ञा ने कहा- जिस दिन मैं जेल गई थी उसके 45 दिन के अंदर ही आतंकियों ने उसका अंत कर दिया। गुरुवार को भोपाल में मीडिया से बात करते हुए साध्वी प्रज्ञा ने कहा था, एटीएस मुझे 10 अक्टूबर 2008 को सूरत से मुंबई लेकर गई थी। वहां 13 दिन तक बंधक बनाकर रखा गया। पुरुष एटीएस कर्मियों ने इस दौरान मुझे खूब प्रताड़ित किया। पूर्व एटीएस चीफ हेमंत करकरे को संन्यासियों का श्राप लगा और मेरे जेल जाने के करीब 45 दिन बाद ही वह 26/11 के आतंकी हमले का शिकार हो गए। वहीं इस बयान पर मचे घमासान के बाद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का कहना है कि मेरे जवाब मैं कहां देती हूं, ठाकुर खुद ही दे देते हैं। उन्होंने कहा कि जो कहा वो गलत नही हैं। बाद में इसका स्पष्टीकरण दूंगी।