सब्जियों से हमारे शरीर को विटामिन, खनिज और दूसरे तत्व मिलते हैं, लेकिन जाने अनजाने हम सब्जियों की पौष्टिकता को नष्ट या कम कर देते हैं। सब्जियों को छीलने, काटने और पकाने का यदि सही ढंग न अपनाया जाए, तो उनकी पौष्टिकता कम हो सकती है, कई बार नष्ट भी हो जाती है। सही तरीका अपनाकर सब्जियों से अधिक से अधिक पोषण पाया जा सकता है। अच्छी सेहत के लिए पौष्टिक आहार जरूरी है। खाने की टेबल तक पहुंचने से पहले खाद्य पदार्थों को एक निश्चित प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है जिसमें होने वाली गलतियों के कारण खाने की पौष्टिकता कम हो जाती है। खासकर सब्जियों की पोषकता काफी घट जाती है। डायटीशियन डॉ. नीलांजना सिंह कहती हैं कि सब्जी पकाते, छीलते और काटते समय विशेष ध्यान देना चाहिए, ताकि हमें सब्जियों से अधिकतम पोषण मिल सके। खासकर सब्जियों को पकाते समय बहुत सावधानी रखनी चाहिए, क्योंकि इस दौरान सब्जियों की पूरी पौष्टिकता भी खत्म हो सकती है। कच्चे फल और सब्जी ज्यादा फायदेमंद होते हैं। सब्जियों को ज्यादा उबालने, देर तक पकाने, तलने-भुनने या सुखाने से इनमें मौजूद पौष्टिकता कम या नष्ट हो जाती है। सब्जियों को पकाने से सबसे ज्यादा असर इनमें मौजूद विटामिन सी और बी पर पड़ता है। इसलिए इन्हें कच्चा ही खाना ज्यादा फायदेमंद होता है। सब्जियों को छीलने और काटने से पूर्व भली-भांति धो लेना चाहिए। उनके छिलके कम से कम उतारने चाहिए। सब्जियों को कुछ देर पानी में डुबो कर भी रख सकते हैं, क्योंकि इससे उन पर से हानिकारक कीटनाशकों का प्रभाव कम किया जा सकता है। कभी भी सब्जियों को काटकर न धोएं। काटकर धोने या भिगोने से सब्जियों के अधिकांश पोषक तत्व पानी में घुलकर बह जाते हैं। सलाद को भी काटकर धोने से विटामिन नष्ट हो जाते हैं। इसलिए सलाद धोकर रखें और खाने से तुरंत पहले काटें। सब्जियों और फलों को काटने और छीलते समय विशेष ध्यान देना चाहिए। जैसे आलू में विटामिन सी की अधिकांश मात्रा उसके छिलके के ठीक नीचे होती है। अगर हम आलू के मोटे छिलके उतारेंगे, तो विटामिन सी काफी कम हो जाएगा। इसी तरह गाजर के छिलकों में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, रिबोफ्लेविन और थियामिन पर्याप्त मात्रा में होते हैं। अच्छी तरह धो-पोंछकर और ऊपर के रेशों को उतारकर कच्ची गाजर खा सकते हैं। सब्जियों को काटें और तुरंत पका लें। सब्जियों को अधिक उबालने से उनमें एस्कोर्बिक एसिड की मात्रा कम हो जाती है और कैल्शियम भी नष्ट हो जाता है। खुले बर्तन जैसे कढ़ाई, पतीले में सब्जी-दाल बनाने से ईंधन अधिक खर्च होता है और पौष्टिक तत्व भी नष्ट होते हैं। वहीं प्रेशर कुकर में दाल, सब्जी बनाने से पौष्टिक तत्व काफी कम नष्ट होते हैं और खाना भी जल्दी बनता है। पीतल, तांबा और लोहे के बर्तन अधिकांश सब्जियों की पौष्टिकता को बढ़ाते हैं, जबकि अल्यूमीनियम और जस्ता वाले बर्तनों में पका खाना उचित नहीं होता, क्योंकि इन धातुओं के एसिड घुलनशील होते हैं। सरसों तेल, आॅलिव आयल, सूर्यमुखी तेल या चावल ब्रान से बने तेल में सब्जी बनाएं। थोड़ी मात्रा में देसी घी का भी प्रयोग कर सकते हैं। सब्जियों को पकाने से पहले पानी में ज्यादा देर तक न भिगोएं, इससे पोषक तत्व पानी में घुलकर नष्ट हो जाएंगे। सब्जियों को कम पानी में पकाएं, पानी की मात्रा जितनी कम होगी, उतने ही कम पोषक तत्व नष्ट होंगे। हरी पत्तेदार सब्जियों को काटने से पहले ही धो लें, क्योंकि इनमें मौजूद विटामिन और मिनरल पानी में घुलनशील होते हैं। सब्जियों को ढक कर पकाएं, पोषक तत्व सुरक्षित रहेंगे। जिस तेल में कोई चीज तली जा चुकी हो उसका फिर प्रयोग न करें। फ्रिज में सब्जी की मात्रा उतनी ही रखें, जितनी आप एक दिन में खर्च कर सकें।मसालों का प्रयोग कम करें।सब्जी को बार-बार गर्म करने से बचें।हमेशा ताजी और मौसमी सब्जियों का ही इस्तेमाल करें।सब्जियों को काटकर कभी न धोएं, इससे विटामिन बी और सी नष्ट हो जाते हैं।पालक ज्यादा देर तक पकाने से पालक का 64 प्रतिशत विटामिन सी नष्ट हो जाता है। इसलिए इसे ढक कर 2-3 मिनट से ज्यादा न पकाएं। पालक में आयरन काफी होता है,लेकिन इसमें अक्सेलिक एसिड भी काफी मात्रा में होता है, जो आयरन के अवशोषण को रोकता है। पालक को काटने से पहले पानी में भिगो दें और अच्छे से धो लें। पकाते समय इसमें अलग से पानी न डाले।