हैदराबाद। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लगता है कि आतंकवाद कोई मुद्दा नहीं है तो वह अपनी एसपीजी सुरक्षा हटा लें। सुषमा ने कहा कि अगर राहुल और उनके परिवार को किसी से डर नहीं लगता तो वह लिखकर दें कि उन्हें सुरक्षा के लिए कमांडोज की जरूरत नहीं है। राहुल गांधी ने एक चुनावी रैली के दौरान कहा था कि इस बार चुनाव में आतंकवाद नहीं बल्कि बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है। विदेश मंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष के उसी बयान को आधार बनाकर पलटवार किया। उनका कहना था कि राजीव गांधी की हत्या के बाद से ही पूरा गांधी परिवार एसपीजी सुरक्षा के घेरे में रह रहा है। सुषमा का कहना था कि एनडीए सुरक्षा, विकास और जनकल्याण के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहा है। मोदी राज में 1.16 लाख गांव फाइबर आॅप्टिक नेटवर्क से जुड़ चुके हैं। पहले देश में कुल 77 पासपोर्ट सेंटर थे, अब ये बढ़कर 505 हो चुके हैं। तेलंगाना में इनकी संख्या 4 से बढ़कर 19 पर पहुंच चुकी है। विदेश मंत्री ने कहा कि बालाकोट एयर स्ट्राइक पर वही लोग पाक की भाषा बोल रहे हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा नहीं है। उनका कहना था कि इस मामले में भारत के कदम की पूरी दुनिया ने सराहना की। कई देश के नेताओं ने उन्हें फोन किए। उनका कहना था कि 2008 के मुंबई हमलों के बाद तत्कालीन यूपीए सरकार को सख्त कदम उठाना चाहिए था। विपक्षी दल सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं कि वह बालाकोट हमले को चुनाव में कैश कराने की कोशिश कर रही है। विदेश मंत्री ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाक को पूरी दुनिया में अलग-थलग कर दिया है। यहां तक कि इस्लामिक देशों से भी पाक के संबंध पहले जैसे नहीं रह गए हैं। उनका कहना था कि मोदी के विदेशी दौरों की वजह से भारत को यह सफलता मिल सकी। उन्होंने कहा कि 1969 में भी भारत को ओआईसी की कांफ्रेंस में आमंत्रित किया गया था, लेकिन पाक के विरोध के चलते भारत इसमें भागीदारी तक नहीं कर सका। जबकि ओआईसी की 50वीं वर्षगांठ पर इस साल भारत ने जोरदार तरीके से अपनी उपस्थित दर्ज कराई। पाक ने विरोध किया पर इस्लामिक देशों ने उसकी एक न सुनी।