नई दिल्ली । देश में बैंकों के विभिन्न प्रकार के ट्रांजेक्शनों से परेशान हुए ग्राहकों के लिए बुरी खबर है। आने वाले दिनों में एटीएम से कैश निकालना महंगा हो सकता है। दरअसल नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन आॅफ इंडिया ने कैश निकालने के लिए इंटरचेंज फीस बढ़ाने की सिफारिश की है। ये सिफारिश ऐसे समय में की गई है जब एटीएम का संचालन करने वाली कंपनियां पहले ही लागत बढ़ने की बात कह रही हैं। अगर सरकार इंटरचेंज फी बढ़ाती है तो एटीएम संचालन करने वाली कंपनियों की लागत और बढ़ेगी और इसका बोझ एटीएम से पैसे निकालने वालों को भी उठाना पड़ सकता है। एटीएम सर्विस प्रोवाइड कराने वाली कंपनी के एक अधिकारी का कहना है कि इंटरचेंज फी 6 साल से उसी स्तर पर है। यह एटीएम से प्रति ट्रांजैक्शन पर आने वाली लागत से भी कम है। ऐसे में इंटरचेंज फीस बढ़ाया जाना चाहिए। इंटरचेंज फीस वह अमाउंट होता है जो एटीएम आॅपरेटर्स से प्रत्येक ट्रांजैक्शन के लिए वसूला जाता है। वर्तमान में बैंक अपने डेबिट कार्ड होल्डर को एक माह में एटीएम से 3 से 4 कैश विड्रॉअल की सुविधा फ्री में देते हैं। इससे अधिक ट्रांजैक्शन होने पर बैंक प्रति ट्रांजैक्शन 10 से 15 रुपए तक चार्ज करते हैं। अगर इंटरचेंज चार्ज बढ़ कर 15 से 17 रुपए हो जाता है तो बैंकों को प्रति ट्रांजैक्शन एटीएम सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को ज्यादा पैसा देना होगा।