पी.डी एस में डाका जिला खाद अधिकारी के एजेंट द्वारा फर्जीवड़ा

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गरियाबंद जिले के आदिवासी बहुमूल्य क्षेत्र विकासखण्ड मैनपुर जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत सरगीगुडा में सनसनी मची हुई है। गरियाबंद में अवैध राशनकार्ड के द्वारा दलालो का कमाने का जरिया बना हुआ है । जिसका कारण मात्र एक ही है कई वर्षो से अपने कुर्सी पर टिके रहने की वजह से कई मामलों में हेरा फेरी करते रहते हैं । शिकायत होने पर भी अधिकारी का कुछ भी नहीं होता। सबसे महत्वपूर्ण मामला सामने आया राशनकार्ड में एजेंट के द्वारा कमीशन लेकर राशनकार्ड बनाया जा रहा हैं। गरीबों से 2000 से 3000 रुपये लेकर राशनकार्ड बना रहे हैं ।

जिला खाद विभाग अधिकारी हुलेस डड़सेना से पूछा गया कि आपके द्वारा किसी को भी राशनकार्ड बिना जाँच के कैसे दिया जा रहा है । जिला खाद विभाग अधिकारी हुलेस डड़सेना का कहा गया कि पविती में उस व्यक्ति द्वारा अपना नाम मोबाइल नंबर दिया गया है। तो सही होगा इसलिए राशनकार्ड दिया हु । यहां पर सोचने वाली बात है कि केवल नाम और मोबाइल नंबर से राशनकार्ड दिया जा रहा है वही दूसरी तरफ जब पता चला कि यह सब सील साइन गलत है तो प्रकाशन के लिए वह चार कार्ड धरियो के मूल दस्तावेज की फोटो कॉपी मांग गया तब जिला खाद अधिकारी साफ मना कर दिया कि मैं नही दे सकता। वही केवल नाम और मोबाइल के सहारे राशनकार्ड को दिया गया है। जबकि राशनकार्ड केवल प्रशासन के कर्मचारियों को दिया जाता है । जैसे उस पंचायत के सचिव या जनपद पंचायत के कर्मचारी को ही दिया जाता है।

मगर जिला खाद विभाग के अधिकारी के द्वारा एजेंट बना कर रखे हैं। एजेंट के द्वारा हितग्राहियों से 2000 से 3000 के एवज में राशनकार्ड दिया जा रहा है। वही अगर कोई व्यक्ति गरीब या पात्रता की श्रेणी में आते हैं तो उसे निशुल्क राशन कार्ड दिया जाता है। राशनकार्ड में भ्रष्टाचार हो रहा है । इसकी जानकारी जब जिला खाद अधिकारी से लेने गये की अभी ग्राम पंचायत सरगीगुडा में चार राशन कार्ड में गड़बड़ी हुई है उसमें सील और साइन जनपद पंचायत सीईओ का नहीं है इसलिए आप मुझे वह चार राशन कार्ड धारियों का मूल दस्तावेज कि फोटोकापी दिया जाए। जिससे प्रकाशन करने में सुविधा हो और सही जांच किया जा सके उस दस्तावेज के लिए एक आवेदन दे रहे हैं। जिसमें छाया प्रति का शुल्क देने के लिए तैयार हु। तत्काल मूल दस्तावेज की कॉपी चाहिए । लेकिन जिला खाद्य अधिकारी द्वारा एक लाइन में कह दिया गया कि बिना सूचना का अधिकार लगाएं हम आपको अपनी ऑफिस की कॉपी नहीं दे सकते । लेकिन सूचना के अधिकार में भी नियम अनुसार दिया जाएगा तत्काल नही मिलेगा। इससे आप क्या समझ सकते हैं । जिला खाद्य अधिकारी द्वारा मिलीभगत में पूरी कार्यवाही भ्रष्टाचार हो रहा है जहां एक हस्ताक्षर मोबाइल नंबर के सहारे पूरे राशन कार्ड को किसी भी एजेंट के हाथ में दे दिया जाता है वही सच प्रकाशन के लिए सहयोग नही कर रहे हैं इससे मालूम होता है कि जिला खाद अधिकारी की मिली भगत से सब हो रहा है। राशन कार्ड में भ्रष्टाचार हुआ है। सील साइन में गड़बड़ी वही एक फोन नंबर और नाम से राशन कार्ड 40 50 कार्ड एक बार में बिना जानकारी के दिया जाता है। मामला केवल कमीशन का है। जिला खाद अधिकारी ने कुछ कमीशन के चक्कर में राशनकार्ड कार्ड गांव के एजेंट को दिया जाता हैं। कई वर्षो से यही चल रहा है । इतना ही नहीं जब हम ऑफिस से बाहर लिकले तुरन्त खाद अधिकारी ने अपने एजेंट को फोन किये उसकी voice रिकॉर्ड है। इससे साफ पता चलता है कि खाद विभाग अधिकारी की मिली भगत से हो रहा है। यह मामला ग्राम पंचायत सचिव की जागरूक के कारण सामने आया है। ग्राम पंचायत में कुछ राशनकार्ड हितग्राहियों ने पंचायत सचिव के पास राशन कार्ड सत्यापन के लिए गए तभी मामला खुलासा हुआ ग्राम पंचायत सचिव द्वारा जानकारी प्राप्त हुई उसके पश्चात ग्राम पंचायत सचिव ने मैनपुर में जाकर जनपद पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी नरसिंह ध्रुव के फर्जी सील व फर्जी हस्ताक्षर कर राशन कार्ड का वितरण किया गया है और तो और राशन कार्ड से बकायदा राशन सामग्री का भी क्रय किया जा रहा है । मामले की जानकारी ग्राम पंचायत के सरगीगुडा के सचिव बंसत सिन्हा के माध्यम से जनपद पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी नरसिंह ध्रुव को पता चला तो उनके भी होश उड गये, मामले पर जनपद पंचायत मैनपुर के मुख्यकार्यपालन अधिकारी नरसिंह ध्रुव ने थाना में आवेदन देकर एफआईआर दर्ज करवाने की बात कही है । मिली जानकारी के अनुसार हितग्राहियों को राशन कार्ड के लिए सबसे पहले ग्राम पंचायत में आवेदन देना पडता है, ग्राम सभा में प्रस्ताव के बाद राशन कार्ड के लिए जनपद पंचायत भेजा जाता है। जनपद पंचायत से जिला खाद विभाग भेजा जाता है । फिर राशनकार्ड देने की प्रक्रिया चलता है फिर जिला खाद विभाग वाले ब्लॉक जनपद जनपद के द्वारा ग्राम पंचायत में भेजा जाता है। फिर ग्राम पंचायत के माध्यम से हितग्राहियों को कार्ड का वितरण किया जाता है। यही प्रकिया होता है। मामले का ऐसा हुआ खुलासा जनपद पंचायत मैनपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत सरगीगुडा के सचिव बसंत सिन्हा ने जनपद पंचायत मैनपुर के सीईओ को लिखित आवेदन देकर बताया कि हमारे ग्राम पंचायत सरगीगुडा में 21 फरवरी 2021 को चार राशन कार्डधारी पंचायत में उपस्थित हुए और उनके द्वारा बताया गया कि उन्हे नया राशन कार्ड मिला है, राशन कार्ड में ग्राम पंचायत सरपंच और सचिव की हस्ताक्षर की आवश्यकता है । जब सचिव द्वारा राशन कार्ड को देखा तो उसमें मुख्यकार्यपालन अधिकारी मैनपुर नरसिंह ध्रुव का सील एंव हस्ताक्षर अलग अलग प्रतित हुआ तब उन्होने इसकी जानकारी मुख्यकार्यपालन अधिकारी मैनपुर में आकर मुख्यकार्यपालन अधिकारी के समक्ष आवेदन दिया । हस्ताक्षर और सील देखा कर जनपद पंचायत मैनपुर के सीईओ होश उड गये, क्योकि उनके सील, हस्ताक्षर नही होने के कारण फिर सरगीगुडा के सचिव ने ग्राम पंचायत में चार लोगो के राशन कार्ड को लेकर लिखित शिकायत के साथ जनपद पंचायत मैनपुर में शिकायत किया है और जनपद पंचायत मैनपुर के मुख्यकार्यपालन अधिकारी द्वारा इस मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी लिखित शिकायत देवभोग थाना में किये गया । मामले पर गंभीरता से जांच किया जाए तो ऐसे कई चौकाने वाले मामले सामने आने की संभावना मिली जानकारी के अनुसार नया राशन कार्ड का मामला हो यदि गंभीरता से जांच किया जाए चाहिए सरगीगुडा पंचायत ही नही आसपास और भी पंचायतों में इस तरह के फर्जी हस्ताक्षर और सील के कई मामले सामने आने की संभावना बनी है क्योकि पूर्व में भी इस तरह की मामले की शिकायत मिलता रहा है एजेंट के साथ कई लोग इस तरह से कुछ लोग कार्यो को अंजाम दे रहे है, सुत्रो से मिली जानकारी के अनुसार इस तरह के अनैतिक कार्य करने वाले गिरोह के संबध में स्थानीय जनपद प्रशासन को पहले से कुछ लोगो पर शंका है, और जल्द ही ऐसे लोग पुलिस के गिरफ्त में होंगे।
मुख्यकार्यपालन अधिकारी नरसिंह ध्रुव ने चर्चा में बताया कि सचिव के माध्यम से जानकारी हुआ है राशनकार्ड चार हितग्राहियों का प्राप्त हुआ है उसमें उनका जनपद का सील नही है और न ही उनके हस्ताक्षर है यह सील और हस्ताक्षर फर्जी है, जिसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को देने के बाद देवभोग थाना में मामले की शिकायत किया गया है, मामले पर एफआईआर दर्ज करावाया जायेगा ।
नरसिंह ध्रुव मुख्यकार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मैनपुर