नई दिल्ली। दिल्ली में एक 19 साल की लड़की को 25 साल की युवती से रेप के मामले में गिरफ्तार किया गया है। गैंगरेप का यह मामला पिछले साल सितंबर माह का है, पुलिस ने तीन युवकों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर देने के चलते आरोपी लड़की पर केस दर्ज नहीं किया गया था। नॉर्थईस्ट की रहने वाली 25 वर्षीय पीड़ित युवती का आरोप है कि शिवानी नाम की लड़की ने उसके साथ सेक्स टॉय के जरिए अप्राकृतिक यौन संबंध बनाए। वहीं इस हरकत का विरोध करने पर उसके साथ मारपीट भी की गई, लड़की के साथ 3 लड़के भी शामिल थे, जो उसे बंधक बनाकर रेप करते थे। पीड़िता जब इस मामले की शिकायत नजदीकी थाने में दर्ज कराने गई तो पुलिस ने तर्क दिया कि आईपीसी की धारा 377 के तहत अब समलैंगिकता अपराध नहीं है। हालांकि सहमति का पहलू इस मामले में बहस का मुद्दा बना और पुलिस को आरोपी लड़की के खिलाफ केस दर्ज करना पड़ा। अब उस दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश कर तिहाड़ जेल भेज दिया गया है। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए वयस्कों के बीच सहमति से समलैंगिक यौन संबंध को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया। इसके साथ ही अदालत ने धारा 377 को स्पष्ट रूप से मनमाना करार दिया, अदालत ने कहा कि समलैंगिक, हेट्रोसेक्सुअल, लेस्बियन के बीच सहमति से सेक्स पर धारा 377 लागू नहीं होगी, इसके साथ ही अदालत ने स्पष्ट किया कि बिना सहमति के सेक्स और पशुओं के साथ सेक्स धारा 377 के अंतर्गत अपराध बना रहेगा। नॉर्थ ईस्ट की रहने वाली पीड़िता के मुताबिक, पिछले साल उसने गुरुग्राम में नौकरी छोड़कर खुद का स्टार्टअप शुरू का प्लान किया, इसके लिए उसके अपने पिता से 1.5 लाख रुपए का इंतजाम भी किया। इसके बाद फिर जब उसने बिजनेस पार्टनर की तलाश की और इसी बीच युवती की मुलाकात रोहित और राहुल नाम के दो लड़कों से हुई। रोहित ने खुद को एचसीएल कंपनी का कर्मचारी बताया था, वह उस युवती को दिलशाद कॉलोनी के एक अपार्टमेंट में लेकर गया। जहां रेप की वारदात को अंजाम दिया गया। इस अपराध में उसके साथ राहुल और एक अन्य शख्स भी शामिल थाण्, इसी बीच पीड़िता को वहां बंधक बना लिया गया और शिवानी नाम की लड़की को उसकी निगरानी के लिए अपार्टमेंट में रख दिया गया। जहां उस लड़की ने भी सेक्स टॉय का इस्तेमाल कर पीड़िता के साथ कई बार यौन संबंध बनाए।