नई दिल्ली। मोदी सरकार ने शुक्रवार को अपने कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया। इसे चुनावी बजट भी कहा जा रहा है। केंद्र सरकार ने इस बजट में गांव, गरीब, किसानों, मजदूरों के लिए कई बड़े ऐलान किए। बजट में लोअर मिडिल क्लास के लिए 5 लाख तक की टैक्सेबल इनकम को टैक्स फ्री भी किया गया। बजट पढ़ने से पहले पीयूष गोयल ने केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के लिए अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। गोयल ने कहा, मुझे भरोसा है कि जेटली जी जल्द ही स्वस्थ हो जाएंगे। कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट में लोअर मिडिल क्लास को बड़ा तोहफा दिया। 5 लाख तक की टैक्सेबल इनकम को टैक्स फ्री किया गया। हालांकि मिडिल क्लास को मायूसी हाथ लगी। टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किय गया। गोयल ने कहा, पांच लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय पूरी तरह से कर मुक्त होगी और विभिन्न निवेश उपायों के साथ 6.50 लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय पर कोई कर नहीं देना होगा। व्यक्तिगत कर छूट का दायरा बढ़ने से तीन करोड़ करदाताओं को 18,500 करोड़ रुपये तक का कर लाभ मिलेगा। वेतनभोगी तबके के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 रुपये किया गया। इस घोषणा के बाद संसद में काफी देर तक मोदी-मोदी के नारे गूंजते रहे। गोयल ने कहा, हम करदाताओं का शुक्रिया अदा करते हैं। आपके टैक्स से ही देश का विकास होता है।
सरकार की उपलब्धियों को गिनाया
वित्त मंत्री ने कहा, मैं भरोसे कह सकता हूं कि भारत बेहत मजबूती से ट्रैक पर वापस आ गया है। देश तरक्की और सम्पन्नता के रास्ते पर चल पड़ा है। हमारी सरकार ने कमरतोड़ महंगाई की कमर ही तोड़ दी है। हमने 2022 तक सभी लोगों को घर देने का वादा किया है। हम दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं। रिफॉर्म के बाद सबसे ज्यादा जीडीपी ग्रोथ हुई। हमने राजकोषीय घाटे पर लगाम लगाई है। पिछले पांच साल में एफडीआई में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है। हमारी सरकार में दम था कि हमें आरबीआई से कहें कि वे सभी लोन को देखें और बैंकों की सही स्थिति जनता के सामने रखें। सरकार ने एनपीए को कम करने की कोशिश की और उसमें काफी हद तक सफल भी हुए हैं। रेरा के जरिए रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता लाई गई है।
किसानों के लिए बड़ा ऐलान
हमारी सरकार ने सभी 22 फसलों में लागत से 50 पर्सेंट ज्यादा एमएसपी दिया। हमने किसानों की आय बढ़ाने का ऐतिहासिक काम किया। छोटे और सीमांत किसानों की आय और बढ़ाई जाएगी। 2 हेक्टेयर (करीब 5 एकड़) तक की जमीन वाले किसानों के खातें में हर साल 6 हजार रुपये जाएंगे। करीब 12 करोड़ किसान परिवारों को इससे सीधा लाभ मिलेगा। इसे 1 दिसंबर 2018 से लागू किया जाएगा।