नई दिल्ली। देश में Citizenship Amendment Act के विरोध से लगातार विरोध प्रदर्शन और हिंसा हो रही है। जहां एक तरफ विरोधी सड़कों पर है तो वहीं केंद्र सरकार अपने फैसले पर अडिग है, इस सारी हिंसा और प्रदर्शन से अप्रभावित केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को साफ कर दिया कि विरोधी जितना चाहें कानून का विरोध कर सकते हैं, लेकिन मोदी सरकार सुनिश्चित करेगी कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैरमुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता हासिल हो और वे देश में सम्मान के साथ जी सकें। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेगी। एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, नागरिकता संशोधन कानून- 2019 के कारण कोई भी भारतीय अपनी नागरिकता नहीं खोएगा और यह कानून तीनों पड़ोसी देशों में अत्याचार का शिकार बने अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए बनाया गया है। उन्होंने कानून का विरोध करने वाले छात्रों से कहा कि इसे ठीक से पढ़ें और इसके अर्थ को समझें। शाह ने कहा, “मैं अपने मुस्लिम भाइयों-बहनों से कहना चाहता हूं कि आपको डरने की जरूरत नहीं है। जो लोग भारत में रह रहे हैं, उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। कोई भी भारतीय नागरिकता खोने नहीं जा रहा है। कांग्रेस लोगों को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है। कानून वेबसाइट पर है। इसे पढ़िए। नरेंद्र मोदी सबका साथ, सबका विकास में विश्वास करते हैं। किसी के साथ भी अन्याय नहीं किया जाएगा।” गृह मंत्री ने सवाल किया कि हिंदू, सिख और अन्य भारत नहीं आएंगे तो ये लोग कहां जाएंगे। नेहरू-लियाकत समझौते के मुताबिक इन लोगों को पाकिस्तान में संरक्षण दिया जाना था, लेकिन वे ऐसा करने में विफल रहे। अब मोदी सरकार इन लाखों-करोड़ों लोगों को नागरिकता दे रही है। 70 वषोर् से हिंदू, सिख और अन्य बिना किसी नौकरी, जमीन, पानी के रह रहे हैं। मैं राजनीतिक दलों से कहना चाहता हूं कि उनकी स्थिति देखें कि वे किस तरह से अपनी जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं।
सिर्फ तोड़फोड़-आगजनी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई
केंद्रीय गृह मंत्री ने इंडिया इकोनॉमिक कांक्लेव को संबोधित करते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वालों छात्रों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। कार्रवाई सिर्फ उन लोगों के खिलाफ की जा रही है जो विरोध प्रदर्शनों के दौरान तोड़फोड़ और आगजनी में शामिल थे।