गरियाबंद राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के आदेशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के अध्यक्ष तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश रायपुर संतोष कुमार शर्मा के निर्देश पर अपर जिला एवं सत्र न्यायालय गरियाबंद तथा राजस्व जिला गरियाबंद के राजस्व न्यायालयों में 14 मई 2022. दिन शनिवार को “नेशनल लोक अदालत” का आयोजन किया गया। उक्त लोक अदालत हेतु अपर जिला एवं सत्र न्यायालय गरियाबंद में चार खण्डपीठों का गठन किया गया था तथा तालुका देवभोग एवं राजिम में भी एक-एक खण्डपीठ गठित की गयी थी वहीं राजस्व न्यायालयों में भी खण्डपीठों का गठन किया गया था।
तालुका विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष राजभान सिंह ने बताया कि उक्त लोक अदालत हेतु अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती तजेश्वरी देवी देवांगन की गठित खण्डपीठ में कुल 125 लंबित मामले एवं 188 प्रीलिटीगेशन प्रकरण रखे गये थे. जिनमें 19 प्रीलिटीगेशन प्रकरणों का निराकरण करते हुये 2,90,500/- (दो लाख नब्बे हजार पांच सौ) रूपए का अवार्ड पारित किया गया साथ ही 14 मोटर दुर्घटना से संबंधित प्रकरण एवं 01 हिन्दु विवाह अधिनियम सहित कुल लंबित 15 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 61,10,000/- (इकसठ लाख दस हजार) रूपए का अवार्ड पारित किया गया वहीं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमति छाया सिंह की गठित खण्डपीठ में 166 मिलीटिगेशन प्रकरण रखे गये थे, तथा उक्त खण्डपीठ में 145 लवित आपराधिक प्रकरण, धारा 138 परकाम्य लिखत अधिनियम से संबंधित 18 प्रकरण तथा 01 व्यवहारवाद तथा मोटर अधिनियम के 21 प्रकरण रखे गये थे, जिनमें 37 आपराधिक प्रकरण, 01 परकाम्य लिखत अधिनियम से संबंधित प्रकरण एवं 01 व्यवहारवाद का निराकरण किया गया और परकाम्य लिखत अधिनियम के मामलों में 15,000/- (पन्द्रह हजार) रूपए का अवार्ड पारित किया गया साथ ही आबकारी अधिनियम से संबंधित 25 मामले, यातायात से संबंधित 21 मामलों एवं जुआ एक्ट से संबंधित 04 मामलों, इस प्रकार उक्त खण्डपीठ में कुल 92 लंबित प्रकरणों का निराकरण किया गया। श्री निलेश जगदल्ला व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-दो एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी गरियाबंद के न्यायालय में लंबित आपराधिक 28 प्रकरण एवं प्रिलिटिगेशन के 188 प्रकरण रखे गये थे जिनमें एक प्रिलिटिगेशन प्रकरण निराकरण करते हुए 5,000/- (पांच हजार रूपये) रूपये का एवार्ड पारित किया गया। जिला गरियाबंद के अंतर्गत न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एवं व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-02 की देवभोग एवं राजिम की गठित खण्डपीठ में कमश: 297 एवं 201 लबित आपराधिक मामले का रखे जिसमें कमशः 106 एवं 162 आपराधिक प्रकरणों तथा 04 एवं 50 प्रिटिलिगेशन मामलों में 40,830/- (चालीस हजार आठ सौ तीस रूपये) रूपये एवं 3,42,095/- (तीन लाख बयालिस हजार पन्चानबे रूपये) रूपये का एवार्ड पारित किया गया। इसी प्रकार किशोर न्याय बोर्ड गरियाबंद में 05 प्रकरण रखे गये जिनमें 04 प्रकरण का निराकरण किया गया, इसी प्रकार राजस्व न्यायालयों में गठित खण्डपीठों में विभिन्न प्रकार के 48628 प्रकरण रखे गये, जिनमें 48628 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 2,59,92,750/- (दो करोड़ उन्सठ लाख बयानबे हजार सात सौ पचास रूपये) रूपए का अवार्ड पारित किया गया। उक्त लोक अदालत में कोविड-19 के संक्रमण के कारण शासन द्वारा जारी
गाईडलाईन का पालन करते हुए पक्षकारों की उपस्थिति में सुनवाई करते हुए प्रकरणों का निराकरण किया गया। श्री सिंह ने यह भी बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के अध्यक्ष सतोष कुमार शर्मा, कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश एवं को-आर्डिनेटर हेमंत शराफ तथा सचिव प्रवीण मिश्रा के द्वारा समय-समय पर दिये गये निर्देशानुसार गठित खण्डपीठों के पीठासीन अधिकारीगण द्वारा लोक अदालत के पूर्व से ही संबंधित पक्षकारों एवं अधिवक्तागण से प्री-सिटिंग कर इस लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण हेतु काफी प्रयास किये गये। इस लोक अदालत को सफल बनाने में खण्डपीठों के पीठासीन अधिकारीगण, अधिवक्ता सदस्यगण और प्रकरणों से संबंधित अधिवक्तागण तथा न्यायालयीन कर्मचारियों एवं राजस्व अधिकारियों तथा कर्मचारियों का सराहनीय योगदान रहा।