रायपुर। छत्तीसगढ़ में नई सरकार का गठन हुए करीब सात महीने हो गए हैं। हालांकि यहां सरकार बनने के बाद से ही लोकसभा चुनाव का माहौल बनने लग गया था। ऐसे में सरकार को अपनी योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति जानने का ज्यादा मौका नहीं मिला। यही वजह है कि चुनाव खत्म होते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सबसे पहले कलेक्टर्स कांफ्रेंस करने जा रहे हैं। 3 जून को प्रस्तावित इस बैठक में सभी 27 जिलों के कलेक्टर और एसपी के साथ पांचों संभाग के आयुक्त और रेंज आइजी के साथ आला अफसर शामिल होंगे। बैठक में कानून-व्यवस्था की स्थिति के साथ ही विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की सीएम समीक्षा करेंगे। सरकार बनने के बाद यह भूपेश दूसरी बार जिले के आला अफसरों की बैठक लेने जा रहे हैं। राज्य में इस वर्ष के अंत में नगरीय निकाय चुनाव होने हैं। ऐसे में सरकार अभी से उसकी तैयारी में जुट गई है। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में योजनाओं की समीक्षा के जरिये सरकार निकाय चुनाव की अपनी तैयारियों की भी समीक्षा करेगी। कलेक्टर कांफ्रेंस के एजेंडे में शहरी गरीबों और भूमिहीनों का पट्टा वितरण के साथ ही मोर जमीन मोर मकान भी शामिल है। कलेक्टरों को शहरी क्षेत्रों में गरीबों के आवास निर्माण (ईडब्ल्यूएस) के लिए जमीन की उपलब्धता पर भी रिपोर्ट लेकर आने के लिए कहा गया है। गर्मी और बारिश के दौरान विपरीत परिस्थितियों का सामना करने की तैयारियों पर भी रिपोर्ट तलब की गई है। वरिष्ठ अफसरों के अनुसार समीक्षा बैठक में कलेक्टर और एसपी के कार्यों की समीक्षा की जाएगी। इसके आधार पर उनका भविष्य तय होगा। सूत्रों के अनुसार बैठक के बाद कुछ जिलों के कलेक्टर और एसपी बदले भी जा सकते हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री ने 29 जनवरी को कलेक्टर और एसपी की बैठक ली थी। तब सरकार बने बमुश्किल एक महीना ही हुआ था। ऐसे में वह बैठक बेहद हल्के-फुल्के माहौल में केवल तीन घंटे में ही निपट गई थी। अफसरों के अनुसार इस बार ऐसा नहीं होगा। इस बार बैठक न केवल लंबी चल सकती है बल्कि कुछ अफसरों की खिंचाई भी हो सकती है।