रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकार बनने के साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घोषणा पत्र में किये गए वादों को एक के बाद एक करके कई वादों को पूरा कर दिया है। भूपेश सरकार अब एक और बड़े वादे को पूरा करने की दिशा में अपना कदम बढ़ा दी है। भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए सरकार ने सशक्त और स्वायत्त लोक आयोग के गठन की तैयारियां शुरू कर दी है। छत्तीसगढ़ में पुराने लोक आयोग अधिनियम 2002 की जगह नया लोक आयोग सशक्त और स्वयतता के साथ लागू करने की दिशा में शासन के अवर सचिव अरजलाल ने लोक आयोग के सचिव को एक पत्र लिख कर कार्यवाही करने कहा है। सशक्त लोक आयोग बनाने के लिए आरटीआई एक्टिविस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता राकेश चौबे ने सरकार को पत्र लिखा था। जिस पर सरकार ने गंभीरता दिखाते हुए नए लोक आयोग के गठन के लिए कार्यवाही करने कहा है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बंटवारे के दौरान लोक आयोग के अलावा एक उप लोकायुक्त सहित सारी बॉडी थी। राकेश चौबे ने कहा कि मध्यप्रदेश से अलग होने के बाद मुख्यमंत्री बने अजीत जोगी ने उसे शक्तिहीन बना दिया था। खाली उसे अनुशंसा करने वाला कर दिया था। जन लोकपाल के अन्ना ने आंदोलन किया था देश में। उस दौरान यह बात निकल कर आई थी राज्यों के लोक आयोग को शक्तिशाली बनाना है। राकेश चौबे ने बताया कि उन्होंने इसे लेकर एक ड्राफ्ट तैयार कर रमन सिंह की पूर्व सरकार को दिया था। लेकिन तत्कालीन सरकार ने उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया था। बाद में इसे लेकर मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय की अध्यक्षता में 5 लोगों की एक समिति बनाई थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भी चुनाव के वक्त अपने घोषणा पत्र में लोकआयोग बनाने के लिए कहा था। सरकार ने इस पर कार्यवाही के लिए सचिव के पास भेजा है। राकेश चौबे ने सरकार के इस कदम की तारीफ करते हुए कहा कि हमें लग रहा है कि यह सरकार कुछ पाजीटिव चाह रही है। उन्होंने कहा कि यह लागू हो जाने से लोक आयोग पावरफुल हो जाएगा तो भ्रष्टाचार के मुद्दे पर हमें रोज कोर्ट का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। यह सरकार का स्वागत योग्य फैसला है।