सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली में गाड़ी खड़ी करने के लिए जगह की तलाश करना एक बड़ी समस्या है। यहां तक कि फुटपाथ और सड़क का इसके लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे पैदल चलने वाले परेशान हो रहे हैं और इसने राष्ट्रीय राजधानी की समृद्धि को रोक दिया है। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि लोगों को सड़क पर गाड़ी खड़ी करने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इससे कानून एवं व्यवस्था की समस्या पैदा होगी। कोर्ट ने पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकार सहित भागीदारों से इस मुद्दे पर बातचीत करने और इससे निपटने के लिए उपयुक्त उपाय तलाशने के लिए कहा है। जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने यह बात दिल्ली मेटीनेंस एंड मैनेजमेंट आॅफ पार्किंग रुल्स, 2017 से संबंधित मुद्दे पर सुनवाई के दौरान कही। मामले में एमिकस क्यूरी के रूप में कोर्ट की मदद कर रहीं वकील अपराजिता सिंह ने पीठ को बताया कि दिल्ली सरकार ने रिहाइशी इलाकों में पार्किंग नियमों में बदलाव की मांग की है। दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए वकील को पीठ ने कहा- रिहाइशी इलाकों में पार्किंग की समस्या और ज्यादा है। वहां गाड़ियों की संख्या पर कोई नियंत्रण नहीं है। जब तक आप यह नहीं करेंगे तो दिल्ली कभी समृद्ध नहीं हो पाएगी। कोर्ट ने पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकार से नगर निकायों, परिवहन सचिव, दिल्ली पुलिस और अन्य की एक संयुक्त बैठक बुलाकर इस मुद्दे से निपटने के लिए उपाय सुझाने और दिल्ली में आगे की जरूरतों के बारे में बताने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि इस बैठक के नतीजों की रिपोर्ट उसके समक्ष 29 मार्च को पेश की जाए।