प्रधानमंत्री इमरान के बातचीत प्रस्ताव को भारत ने कोई भाव नहीं दिया

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री इमरान खान की तरफ से पिछले एक हफ्ते में तीन बार बातचीत की पेशकश को भारत कोई भाव नहीं दे रहा है। भारत का मानना है कि जब तक पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक और विश्वसनीय कार्रवाई नहीं की जाती तब तक उससे बातचीत करने का कोई मतलब नहीं है। भारत ने यह बात अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को बता दी है और उन्हें पाकिस्तान की तरफ से भारत में आतंकियों को दिए जा रहे बढ़ावे के पक्के सुबूत भी दिए हैं। सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तानी पीएम ने अपने दोनों वीडियो संदेशों में भारत से सुबूत की मांग की थी। इसके बाद बुधवार को पाकिस्तानी उपउच्चायुक्त को पुलवामा हमले में पाकिस्तान में रह रहे आतंकी संगठन जैश.ए.मुहम्मद की भूमिका के सारे सुबूत पेश किए गए। गुरुवार सुबह विदेश सचिव विजय गोखले ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यूएनएससी के पांचों स्थायी देशों के नई दिल्ली स्थिति राजदूतों से अलग-अलग मुलाकात की और उन्हें आतंकी संगठन जैश को लेकर सुबूत दिए। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के दूसरे सदस्यों से भी अलग से मुलाकात हुई और उन्हें भी ये सुबूत दिए गए। इसमें जैश की तरफ से भारत में करवाए गए हमलों उनके पाकिस्तान स्थित आकाओं की बातचीत के टेप, आतंकियों के फिंगर-प्रिंट और मारे गए आतंकियों के डीएनए समेत अन्य कई सुबूत हैं। उधर आतंक के मुद्दे पर अपनी पोल खुलते देख पाकिस्तान दुष्प्रचार पर उतर आया है और वह ऐसा माहौल बना रहा है कि भारत उस पर आक्रामण करने वाला है। बुधवार को पाकिस्तान सरकार की तरफ से अपने हवाई क्षेत्र को प्रतिबंधित करने समूचे देश को हाई अलर्ट पर करने जैसे कदम उठाए गए। यही नहीं इस्लामाबाद में दूतावासों को यह सूचना भेजी गई कि रात्रि में भारत की तरफ से मिसाइल से हमला हो सकता है और पाकिस्तान की तरफ भारतीय नौ सेना के जहाज बढ़ चले हैं। सूत्रों ने इन सभी बातों को खारिज किया और कहा कि भारत ने न तो अपने हवाई मार्ग को बंद किया है और न ही अपने दूतावासों को लड़ाई शुरू होने जैसे हालात के बारे में बताया है। भारत का सैन्य बल इसलिए तैयार है क्योंकि पाकिस्तान की वायु सेना ने आक्रामण किया है।
सनद रहे कि पुलवामा हमले के बाद अपने दो वीडियो संदेशों में पाकिस्तानी पीएम ने भारत से आतंकवाद समेत हर मुद्दे पर बातचीत शुरू करने की पेशकश की थी। इसके बाद गुरुवार को भी उन्होंने अपनी संसद में भाषण देते हुए फिर वार्ता की पेशकश की। इसके अलावा पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मेहमूद कुरैशी ने भी कहा है कि भारत को तनाव की राह छोड़कर बातचीत के लिए आगे आना चाहिए।