जिला गरियाबंद ग्राम पंचायत डोगरीगांव आश्रित ग्राम केशोडार में रोड फारेस्ट विभाग का होने के कारण कई 10 वर्षो से आवेदन करते रहे। परंतु कई डीएफओ आय गाए अनुमति नहीं मिली। ज़िला मुख्यालय से लागा हुआ मार्ग होने के पश्चात भी कच्ची सड़क बनी हुई हैं । सबसे बड़ी बात यह है पहले से वन मार्ग रोड दस्तावेजों में अंकित है । जब ग्राम पंचायत गरियाबंद थीं। गरियाबंद विकास होता गया नगर पंचायत बना फिर नगरपालिका बनी लेकीन विकास के साथ रोड का विकास नहीं हुआ। फारेस्ट विभाग में बैठे जिम्मेदार कभी नियमों का तोड़ नही निकले लोगो की
परेशानियों को नही देखे केवल अपनी ड्यूटी निभा कर चले गए । डीएफओ वन मंडल एस मणिवासन गरियाबंद जिले का प्रभार संभाले पहले की भाती फिर धरोहर संदेश टीम पहली मुलाकत कराने पहुंची। बातचीत के दौरान वही रोड के बारे में जानकारी दी गई डीएफओ पहले ज़िला पंचायत सीईओ पद पर कार्यरत थे । इसलिए वह ग्रामीणों की परेशानियों एवं दुःख को समझे बात को सुनी आश्वासन दिए की पहली प्राथमिकता आपके रोड को दिया जाएगा । उसके पश्चात प्रभात मलिक कलेक्टर ने भी बहुत प्रमुखता के साथ रोड को अपने ही डी. एम. एफ. फंड स्वीकृत कर दी केशोडार रोड की सौगात दी। इतने मुश्किल का सामना कराने के बाद आज केशोडार रोड बन रही है। लेकीन यहाँ पर ठेकेदार द्वारा मुख्य मार्ग से फारेस्ट डिपो तक कुछ हद ठीक ठाक है परंतु फारेस्ट के बाद से पार होने के बाद गुदवक्ताहीन रोड बनाया जा रहा है। रोड की शासकीय पैमाना की जानकारी प्रधान मंत्री सड़क योजना EE साहब ने बताया कि रोड चौड़ाई छः मीटर होना है बीचों बीच 3.75 मीटर डामरी होना है। दोनो साइड एक एक मीटर साइड सोल्डर तब ही बनेगी । खेत मालिक किसान रोड चौड़ी हो रोड को स्वयं से खाली कर दिया गया है। किसानों को कोई आपत्ति नहीं है। विभाग द्वारा भी ठेकेदार को जानकारी दी गई है। ठेकेदार रोड चौड़ीकरण नही कर रहे हैं। मुरूम कम डाले है। केवल दिखवा कार्य किया जा रहा है। दारू भट्टी से पार होने पर दो गाड़ी पार नही कर सकता है फिर भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। वही दुसरी ओर दिखाइए गिट्टी एक एक कर बिछाए गए है । गिट्टी की मात्रा ना के बराबर डाला जा रहा है । केशोडार रोड बड़ी मुस्किलो से बन रही है वही बाहर के ठेकेदार होने के कारण अपना काम कर निकल जाना है गुणवत्ताहीन सड़क निर्माण कार्य कर ठेकेदार निकल जाएंगे। लेकिन उसका खामियाजा आम ग्रामीणों के लिए परेशानी होगी। क्योंकि गुणवत्ताहीन से बनाया जा रहा रोड जिसमें गिट्टी, मुरूम पर्याप्त मात्रा में नही डाला गया है जब मुरूम डाले तब पानी की मात्रा में कमी रोलर नही चला ठीक से फारेस्ट विभाग के रेंजर साहू खड़े होकर काम करा रहे हैं फिर भी काम ठीक नही हो रहा है। बकायदा देखा जा सकता हैं फ़ोटो में आम पब्लिक परेशान कई बार शिकयत करने पर भी कार्य पर कोई असर नहीं पड़ा। रोड चौड़ीकरण हो जितने भी खेत मालिक किसान सभी अपना घेरा तक निकल दिए हैं जिसे सड़क निर्माण कार्य अच्छे से हो परन्तु फारेस्ट विभाग की कार्य प्रणाली में कोई फर्क नहीं पड़ा । ग्रामीण तक सहयोग कर रही है गांव का विकास तभी हो सकता है जब मूलभुत सुविधा उपलब्ध हो। जिस गांव के रोड ठीक नही है गांव विकास नहीं हो सकता है। DFO वनमण्डल गरियाबंद से बात हुई तो कहा गया ठेकेदार जीतना काम करेगी पेमेंट उसी हिसाब से दीया जायेगा लेकीन टेंडर प्रक्रिया में जो राशी होगी ठेकेदार ले ही लेगी। परंतु जिस प्रकार से कार्य किया जाना चाहिए था वह नहीं किया जा रहा है । ग्रामीणों के मुताबिक कार्य में गुणवत्ताहीन सड़क निर्माण कार्य किया जा रहा है। ठेकेदार अपनी मनमानी जमीनी हकीकत पर कर रहे हैं। आम जनता को आने जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।गुणवत्ताहीन सड़क निर्माण किया जा रहा है । कुछ दिन के बाद रोड की स्थिति खराब हो जाएगी। अभी भी निर्माण कार्य धीमी गति पर है । बाइट –डीएफओ वनमण्डल से बात हुई कि ठेकेदार से बात करते हैं