तेंदूपत्ता से वन विभाग को करोड़ की आय लेकिन वनवासियों के लिए बीमा योजना से हजारो लोग हुये वंचित ।

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गरियाबंद- जिला में हरा सोना के नाम से जानने वाले तेंदूपत्ता एक गरीबो को रोजगार दिलाने का बहुत ही बड़ा योगदान ग्रामीण अंचल में तेंदूपत्ता तोड़ाई का कार्य शुरू होने से कई घरो में तो पूरा परिवार पत्तों की तोड़ाई ओर गड्डी बांधने के कार्य में लग जाते हैं वही अच्छी क्वालिटी के पत्तों की खरीदी के लिए व अधिक से अधिक हितग्राही तेंदूपत्ता तोड़ाई कर शासन की योजना का लाभ ले सकें इसके लिए वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी हरा सोना के संग्रहण में जुट जाते हैं।

वही
हितग्राही तेंदूपत्ता तोड़ाई कर शासन की योजना का लाभ ले सकें एवं लाभ दे सके हितग्राहियों अपनी पूरी कोशिश कर अपना और अपने परिवार के लिए बीमा योजना में लाभ मिल सके लेकिन वन विभाग द्वारा बीमा का लाभ नही मिल मिल रहा है । जहाँ शासन के द्वारा परिवार में 500 गड्डी तोड़ने वाले हितग्राहियों को बीमा का लाभ दिया जाता है, जिसमें तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार के मुखिया के लिए जन आम आदमी बीमा का लाभ नही मिला है। समान्य मृत्यु पर 30 हजार, अर्धविकंलागता पर 37500, दुर्घटना व पूर्ण विंकलागता पर 75 हजार रुपए, तेंदूपत्ता संग्राहण परिवार के अन्य सदस्य के लिए अटल योजना समेत समूह बीमा योजना मृत्यु पर 10 हजार, अर्ध विकंलागता पर 12500 व दुर्घटना अथवा पूर्ण विकंलागता पर 31500 रुपए दिया जाता है। लेकिन गरियाबंद जिला वन मंडल विभाग के द्वारा ही बहुत बीमा योजना को खुद निरस्त कर दिया जाता है। जो हितग्राहियों से लाख करोड़ों रुपए कमा कर दे रही है उस हितग्राहियों लाभ ना देकर बीमा कंपनी को लाभ पहुंचाने की पूरी कोशिश किया गया है। गरियाबंद जिला के अंतर्गत हजारों परिवार को बीमा योजना का लाभ नहीं मिला है गरियाबंद वन विभाग की बड़ी लापरवाही है। वह अपने काम को अपनी जिम्मेदारी समझ कर नहीं करते हैं कई गरीब परिवार को बीमा योजना से वंचित होना पड़ा केवल जन्मतिथि को लेकर आधार कार्ड में अधिक होने या काम होने के कारण निरस्त किया जाता है। क्या केवल आधार कार्ड का हवाला देते बीमा को निरस्त करना कहा तक सही है। अधिक जानकारी के लिए माणिक साहू से पूछ गया की बीमा योजना का लाभ कई हितग्राहियों नही मिला क्या कारण है निरस्त कर दिया गया, जानकारी सुन कर हैरानी हुई कि केवल बीमा कंपनी को लाभ देने में ज्यादा दिमाक लगाया गया ना कि हितग्राहियों को लाभ देने में , माणिक साहू ने कहा कि LIC के गाईड के मध्यम से मैं काम किया हु LIC गाईड लाईन भेजी मैं उस गाईड लाईन को पड़ कर निरस्त कर दिया मेरे हिसाब से जो पात्र नहीं दिखा उसको मैं निरस्त कर दिया। पूछ गया क्या आप LIC ऑफिस तक भेजे थे । एक लाईन पर जबरदस्त जबाब दिया गया नही मैं केवल LIC की गाईड को देख कर निरस्त किया हु। माणिक साहू द्वारा केवल आधार कार्ड में जन्मतिथि नही मैच करने के कारण कई हितग्राहियों को बीमा योजना से वंचित होना पड़ा। आधार कार्ड में जन्मतिथि को सुधारा जा सकता है मगर कौन मेहनत करे । यही प्रबंधकों से कई बार कागज मांग कर लिया गया हितग्राहियों अपनी पूरी कागज देते है । लेकिन जो कागज सुधार कर देना है वह नही बताया जाता हैं। सिस्टम को सुधरना नही है बस उसी पर चलते रहना ही वन विभाग की लाचारी कई परिवार बीमा योजना लाभ नही ले सके। गरीब परिवार की जिम्मेदार कौन हैं। गरियाबंद के पास घुट्कुनयापारा मैं कन्हैया लाल मृत्यु होने के पश्चात उसकी पत्नी दावेदार परमेश्वरी बाई घुट्कुनयापारा वापस करने का कारण बताया गया प्रकरण में संलग्न आधार कार्ड में दर्ज जन्मतिथि 1975 के अनुसार 43 वर्ष की आयु होने से हितग्राही आम आदमी बीमा योजना का पात्र नहीं है इस प्रकार से गरियाबंद जिले में हजारों गरीब परिवार बीमा योजना से वंचित।