गरियाबंद जिला के सहकारिता नेता एवं मार्केटिंग सोसायटी अध्यक्ष मुरलीधर सिन्हा ने द्वारा जानकारी दी गई कि जिला प्रशासन गरियाबंद ने जिले में 70 प्रतिशत खाद का भंडारण हुआ है किन्तु बैंक अधिकारियों के घोर लापरवाही के चलते अब तक प्राथमिक सहकारी समितियों में परिवहन नहीं हुआ है फलस्वरूप जिले के किसान खाद के लिये भटक रहे हैं और समय पर कृषि कार्य में लगने वाले रासायनिक खाद बिचौलियों व व्यापारियों ऊँची दामो पर खरीदने पर मजबूर रहे है । मुरलीधर सिन्हा ने बताया कि रासायनिक खाद की उपलब्धता जिला विपणन अधिकारी मार्कफेड गरियाबंद द्वारा अपने गोदामों में समय पूर्व भंडारण किया जाता है जो इस खरीफ सीजन में 19930 मैट्रिक टन खाद का भंडारण किये गया । जिसमें नीम लेपित यूरिया 12641, डीएपी 4158, सिंगल सुपर फॉस्फेट 1821, पोटाश 1310 मैट्रिक टन खाद का भंडारण किया जा
चुका है, जिला प्रशासन का यह कहना ठीक है कि खाद का भंडारण 70 प्रतिशत हुआ है जो पिछले वर्ष की तुलना में बहुत अधिक है लेकिन खाद सहकारी समितियों में परिवहन होगा तब तो किसान खरीद पायेगा ? विदित हो कि मार्कफेड का कार्य खाद मांग के अनुसार अपने गोदामों में भंडारण करता है जिसे जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी और शाखा प्रबंधक द्वारा प्राथमिक सहकारी समितियों में परिवहन कराने का कार्य है, किन्तु ट्रांसपोर्टर के साथ मिलीभगत करके लेटलतीफी बिचौलियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से ऐसे किये जाते हैं ? यह भी जानकारी मिली है कि ट्रांसपोर्टर के राजनीतिक पहुँच के कारण अपना मोनोपल्ली चलाता है जिसके कारण बैंक अधिकारी भी कुछ नहीं कर पाता है । सहकारिता नेता सिन्हा ने बताया कि जिले में मार्कफेड के गोदाम राजिम में 4866, फिंगेश्वर 2632, छुरा 4628, गरियाबंद 3651, मैनपुर 1418 गोहरापदर 1197 और देवभोग में 1638 मैट्रिक टन खाद का भंडारण किया जा चुका है । भाजपा नेता मुरलीधर सिन्हा ने जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि बैंक अधिकारियों को परिवहन कराने हेतु कड़ाई से निर्देश दें और किसानों को बिचौलियों से बच सके ।