गरियाबंद जिला में हरेली त्यौहार को बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। किसानों को गोधन न्याय योजना लाभांवित होंगे

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जिला गरियाबंद के अंर्तगत सभी गांव में आज प्रदेशवासियों द्वारा पारंपरिक पर्व हरेली त्योहारों को मनाया गया जिसमें सभी वर्ग के लोगों बड़े धूमधाम से हरेली किसानों के लिए यह हरेली पर्व बहुत ही महत्वपूर्ण है। छत्तीसगढ़ की यह पर्व में कुटकी दाई की आराधना की जाती है। जो फसलों की देवी है। क्योंकि किसान उनकी मदद से ही यह सुनिश्चित होता है, कि इस वर्ष उनके पास भरपूर फसल होगी। आज के दिन गांव के बईगा, राउत के द्वारा पूजा अर्चना की जाती है।

हरेली की परंपरा ग्रामीण कृषक समुदायों द्वारा मनाया जाने वाला एक कृषि त्यौहार है, इस लोकप्रिय और प्रसिद्ध त्यौहार का नाम हिंदी शब्द हरियाली से आया है । राज्य के प्रमुख जातीय समूहों में से एक गोंडी लोगों के बीच हरेली उत्सव का विशेष महत्व है। छत्तीसगढ़ के किसान अपने उपकरणों की पूजा करते हैं। किसान अच्छी फसल के लिए प्रार्थना करते हैं । आज के दिन चावल के आटे का चील्ह बनाया जाता है। और इस त्यौहार को काग्रेंस सरकार द्वारा किसानों के लिए लाभकारी योजनाओं बताया गया है जैसे नरवा गरवा घुरवा बाड़ी योजना और गो धन योजना लागू पर पारंपरिक संसाधनों को पुनर्जीवित कर ग्रामीणों को अर्थ व्यवस्था को मजबूत बनाने का काम किया जा रहा है। जिससे किसान भाई बहने अपने परिवार को अच्छी जीवन के लिए लाभ उठा सके । छत्तीसगढ़ के पारम्परिक हरेली पर्व से प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना का प्रदेश में शुभारंभ हो रहा है। इस योजना के शुभारंभ की तैयारियां पूरी कर ली गई है। हरेली के दिन 20 जुलाई को राज्य के सभी जिलों के गौठानों में कार्यक्रम आयोजित किया गया है। जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मंत्रीगण, संसदीय सचिव, विधायकगण एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि कार्यक्रम में शामिल होकर इस योजना का विधिवत शुरूआत किया गया है।

गोधन न्याय योजना ग्रामीणों, किसानों एवं पशुपालकों को लाभ पहुंचाने के लिए बड़ी अच्छी है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इसकी शुरूआत 20 जुलाई हरेली पर्व से राज्य में की जा रही है। इस योजना के तहत किसानों एवं पशुपालकों के लिए बहुत ही सुनहरा मौका है। दो रूपए किलो की दर से गोबर की खरीदी की जाएगी। जिसके जरिए गौठानों में बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण एवं अन्य उत्पाद तैयार किए जाएंगे। इससे गांव में लोगों को रोजगार एवं आर्थिक लाभ प्राप्त होगा। राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। गोधन न्याय योजना के तहत गोबर की खरीदी प्रारंभ की जाएगी। ग्राम पंचायतों में गौठान का निर्माण पूरा होने इस योजना के तहत वहां भी गोबर खरीदी की जाएगी।