बीसीसीआई और साथी खिलाड़ियों ने बलिदान बैज मामले में धोनी का किया बचाव

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नई दिल्ली। वर्ल्ड कप क्रिकेट में टीम इंडिया के विकेट कीपर महेंद्र सिंह धोनी के ग्लव्स पर बलिदान बैज का मामला गर्मा गया है। आईसीसी ने धोनी से कहा था कि वह अपने ग्लव्स से यह बैज हटाए। बहरहाल, अब बीसीसीआई और साथी खिलाड़ियों ने इस मामले में धोनी का बचाव किया है। बीसीसीआई के वरिष्ठ पदाधिकारी राजीव शुक्ला के मुताबिक, बीसीसीआई ने आईसीसी से कहा है कि इस बैज का इस्तेमाल कमर्शियल रूप नहीं बल्कि भारतीय सैनिकों के प्रति सम्मान के रूप में किया जा रहा है, इसलिए इसे नहीं हटाया जाए। आईसीसी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। बता दें, बैज हटाने की आईसीसी की मांग पर धोनी के फैन्स ने भी भारी आपत्ति ली है। मालूम हो, वर्ल्ड कप 2019 में टीम इंडिया ने पहला मैच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था। उस मैच में पूर्व कप्तान एमएस धोनी के दस्ताने भी चर्चा में रहे थे। धोनी इस मैच में स्पेशल ग्लव्स के साथ मैदान में उतरे थे। ये दस्ताने भारत की सवा सौ करोड़ जनता के लिए बेहद खास थे क्योंकि इस पर बलिदान बैज छपा हुआ था जिसे इंडियन आर्मी के पैरा कंमाडो इस्तेमाल करते हैं। भारत के खेलमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि देश की इज्जत से समझौता नहीं होना चाहिए। बीसीसीआई को सरकार को जानकारी देना चाहिए और इस मामले को ठीक से आगे बढ़ाना चाहिए। हम पूरी तरह खिलाड़ियों के साथ खड़े हैं। सेना की तरफ से बयान आया कि इस पर कमेंट नहीं कर सकते हैं। पैरा एसएफ बैज मैरुन रंग का होता है। इसके अलावा इसके नीचे एक खास चिन्ह होता है। धोनी के ग्लव्ज पर जो बैज है उसे पैरा एसएफ बैज नहीं कह सकते हैं। हालांकि आइसीसी ने इस पर ऐतराज जताया है और धोनी को भारतीय सेना के चिन्ह वाले ग्लव्स हटाने को कहा था। आइसीसी ने इस बात को लेकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से बात की और इस बैज को हटाने की मांग की थी। आइसीसी के महाप्रबंधक क्लेयर फरलोंग ने कहा था, हमने बीसीसीआइ से इस चिन्ह को हटवाने की अपील की है। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल के नियम के मुताबिक, कपड़ों या अन्य चीजों पर अंतर्राष्ट्रीय मैच के दौरान राजनीति, धर्म या नस्लभेदी जैसी चीजों का संदेश नहीं होना चाहिए। बीसीसीआई की प्रशासकों की समिति के प्रमुख विनोद राय ने कहा, बीसीसीआई पहले ही इस मामले मे आईसीसी को अनुमति के लिए गुजारिश कर चुका है। आईसीसी के नियमों के मुताबिक कोई खिलाड़ी कमर्शियल, धार्मिक या सेना का लोगो अपने कपड़ों या उपकरणों पर इस्तेमाल नहीं कर सकता है। यह लोगो कमर्शियल या धार्मिक नहीं है और यह पैरा मिलेट्री का बैज भी नहीं है, इसलिए धोनी ने किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया है। पाकिस्तान के विज्ञान और प्रौधिगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने ट्वीट कर धोनी पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, धोनी इंग्लैंड में क्रिकेट खेलने गए हैं ना कि महाभारत के लिए। भारतीय मीडिया मूर्खतापूर्ण बहस कर रहा है। यदि भारतीय मीडिया के एक धड़े को युद्ध से इतना प्यार है तो उन्हें सीरिया, अफगानिस्तान या रवांडा भेज देना चाहिए। एमएस धोनी इससे पहले भी सेना के प्रति अपना सम्मान कई बार जताते रहे हैं। धोनी ने भी पैराट्रूपर की सफल ट्रेनिंग ली है। धौनी को 2011 में प्रादेशिक सेना में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक दी गई थी। इसके बाद अगस्त 2015 में वे प्रशिक्षित पैराट्रूपर बन गए। इसके बाद से वह प्रतिष्ठित पैरा विंग्स प्रतीक चिन्ह का इस्तेमाल भी करते हैं। वह इसको पहनने की योग्यता भी रखते हैं।