इसके लिए सबसे पहले स्वच्छ वातावरण में एक दरी अथवा मैट बिछा लें। अब सूर्य की दिशा में मुखकर सावधान मुद्रा में खड़े हो जाए। इसके बाद अपने दोनों हाथों को हवा में लहराते हुए ऊपर ले जाएं और अपने बाएं पैर को दाहिने थाई पर रखें। इसके बाद सूर्य को साक्षी मानकर वृक्ष मुद्रा में खड़े हो जाए। जब तक आप अपने शरीर को नियंत्रित कर सकते हैं। उतने समय तक इस योग को करें। फिर पहली पोजीशन में आ जाए। इसे रोजाना कम से कम 10 बार जरूर दोहराएं।
लंबाई बढ़ाने में है सहायक
खासकर, बच्चे के लिए वृक्षासन वरदान जैसा है। इस योग को करने से बच्चों की लम्बाई बढ़ती है। ऐसे में ग्रोइंग स्टेज के बच्चों को वृक्षासन करने की जरूर सलाह दें। इससे पैर और हाथों की मांसपेशियों में खिंचाव आता है जो लंबाई बढ़ाने में बेहद ही फायदेमंद होता है।
तनाव में भी है कारगर
इस योग को ध्यान योग भी कहा जाता है क्योंकि इस योग को करने वक्त ध्यान और एकाग्रता की जरूरत होती है। ध्यान से भटकने पर योग सफल नहीं हो पाता है। ऐसे में वृक्षासन को करने के लिए ध्यान की विशेष जरूरत होती है। वहीं, अगर आप इसे प्रतिदिन करते हैं तो इससे एकाग्रता बढ़ेगी और ध्यान भी एकचित्त होगा। जिससे तनाव की समस्या दूर हो जाती है।
पैरों को मजबूत बनाता है
अगर वृक्षासन को प्रतिदिन करते हैं तो इससे आपके पैरों की मांसपेशियों को मजबूती मिलेगी। साथ ही शरीर में रक्त संचार सुचारु रूप से होगा। अगर आप रक्त चाप की समस्या से जूझ रहे हैं तो इस योग को न करें।