नई दिल्ली। हैदराबाद में वेटरनरी डॉक्टर के साथ गैंगरेप के बाद उसकी बेरहमी से की गई हत्या के मामले में आरोपियों का एनकाउंटर सुर्खियों में बना हुआ है। पुलिस का हथियार छीनकर भागने की कोशिश में मारे गए आरोपियों की मौत को सही ठहराते हुए देश में कई जगहों पर उत्साहित लोग जश्न मनाते दिख रहे हैं। आरोपियों के सफाये के बाद तेलंगाना पुलिस देश की बेस्ट पुलिस बनती दिख रही है। वहीं, एनकाउंट को अंजाम देने वाली टीम के कप्तान कमिश्नर सीवी सज्जनार हीरो बन गए हैं, सज्जनार की छवि शुरू से ही हीरो की रही हैं। सज्जनार को लोग एनकाउंटर स्पेशलिस्ट भी कहते हैं। सज्जनार की अगुवाई में 11 साल पहले भी कुछ ऐसा ही हुआ था। तब सज्जनार की अगुवाई वाली टीम ने एसिड अटैक के 3 आरोपियों को मार गिराया था। तेलंगाना पुलिस ने बताया कि क्राइम सीन पर आरोपियों ने पुलिस से हथियार छीनकर फायरिंग शुरू कर दी थी। पुलिस पर फायरिंग करते हुए आरोपी भागने के फिराक में थे। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने आरोपियों पर गोलियां चलाई। पुलिस की गोलियों का शिकार हुए चारों आरोपियों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस घटना में दो पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए हैं। हैदराबाद में वेटनरी डॉक्टर से गैंगरेप और उसकी हत्या कर देने के चारों आरोपियों की उम्र 20 से 24 वर्ष थी। उनमें से एक लॉरी चालक था और बाकी हेल्पर थे, उन्हें 29 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। आरोपियों ने गैंगरेप के बाद डॉट्कर की गला दबाकर हत्या कर दी थी। हत्या को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने शव को जला दिया था। उन्हें सात दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। आरोपियों के मुठभेड़ में मारे जाने से मृतका का परिवार खुश है। एनकाउंटर के लिए पीड़ित परिवार ने पुलिस और तेलंगाना सरकार का शुक्रिया अदा किया है। वीसी सज्जनार 2008 में तेलंगाना के वारंगल जिले के एसपी थे, उनके एसपी रहते हुए शोहदों ने एक छात्रा के साथ वहशियाना व्यवहार किया था। आरोपी एस श्रीनिवास राव ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर इंजीनियरिंग की छात्रा पर एसिड अटैक किया था। आरोपी श्रीनिवास पीड़ित छात्रा से एकतरफा प्यार करता था। श्रीनिवास ने जब छात्रा को प्रपोज किया तो छात्रा ने उसका प्रपोजल ठुकरा दिया था। छात्रा के इंकार से गुस्साए श्रीनिवास ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर उसपर एसिड अटैक किया था। इस एसिड अटैक में छात्रा बुरी तरह जल गई थी। घटना आग की तरह पूरे तेलंगाना में फैल गई थी। आरोपियों को सजा दिलाने के लिए लोग सड़क पर उतर आए। आरोपियों की गिरफ्तारी का जिम्मा खुद एसपी सज्जनार ने उठाया और उन्हें हथकड़ी पहनाई। आज हुए एनकाउंटर की तरह ही तब 11 साल पहले भी सज्जनार आरोपियों को लेकर क्राइम सीन पर सबूत जुटाने गए थे। इसे संयोग ही कहा जाएगा कि वारंगल में भी आरोपियों ने पुलिस का हथियार छीनकर भागने की कोशिश की थी और फायरिंग भी की थी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में तीनों आरोपी मारे गए थे। वारंगल एनकाउंटर के बाद से ही सज्जनार की छवि एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की बन गई थी। कॉलेज छात्रों ने तब भी सज्जनार और उनकी टीम की जमकर प्रशंसा की थी। विश्वनाथ सज्जनार ने कर्नाटक के हुब्बाल्ली शहर में स्थित लॉयन्स इंग्लिश मीडियम स्कूल से स्कूलिंग करने के बाद जेजी कॉलेज आॅफ कॉमर्स से बीकॉम किया। इसके बाद उन्होंने कर्नाटक यूनिवर्सिटी के कौसाली इंस्टीट्यूट आॅफ मैनेजमेंट स्टडीज से एमबीए किया। 1996 में सज्जनार आईपीएस बने। सज्जनार को नक्सल नेता नयीमुद्दीन के एनकाउंटर के लिए भी जाना जाता है, तब वे स्पेशल इंटेलिजेंट ब्रांच के आईजी थे।