कोरबा। बारिश के बाद गड्ढों में भरे पानी से कुसमुंडा में आवागमन मुश्किल हो गया है। सबसे ज्यादा परेशानी बाइक चालकों को होती है। जो गड्ढे को बचाने के फेर में वाहनों से नियंत्रण खो बैठते हैं और दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। कई बार भारी वाहन, मालवाहक व चारपहिया वाहन भी गड्ढों को बचाने रांग साइड से आगे बढ़ जाते हैं। इस वजह से भी दुर्घटनाएं होती है। जिले में मानसून ने दस्तक दे दी है। दो दिन से रूक-रूककर बारिश हो रही है। रविवार को भी रिमझिम बारिश हुई। कुसमुंडा-सर्वमंगला मार्ग की हालत जर्जर है। इस मार्ग में 10 मीटर आगे बढ़ते ही गड्ढे मिल जाते हैं। बरमपुर चौक के पास मार्ग की हालत तो सबसे अधिक खराब है। यहां तो एक किलोमीटर तक गड्ढे ही गड्ढे नजर आते हैं। जिनमें पानी भरे होने से गहराई का अंदाजा नहीं लग पाता है और बाइक चालक वाहन से गिर जाते हैं। यहां पर तो डामर का नामोनिशान भी नहीं है। बारिश का पानी गड्ढों में भरने से आवागमन में परेशानी पिछले 4-5 वर्षों से है। हर बार बरमपुर चौक की खस्ताहाल सड़क की मरम्मतीकरण के नाम पर खानापूर्ति काम कर दिया जाता है। जेसीबी से गड्ढों में भरे पानी को बाहर कर दिया जाता है और मुरूम और मिट्टी डालकर पाट दिया जाता है। लेकिन इस बार बारिश के पहले ऐसा कुछ खास देखने को नहीं मिला। इस वजह से चालकों की परेशानी अधिक बढ़ गई है। मार्ग में भारी वाहनों के आवागमन से नाममात्र के लिए किए मरम्मतीकरण कार्य भी पखवाड़े भर नहीं टिकता है और स्थिति जस की तस हो जाती है। कुसमुंडा-सर्वमंगला मार्ग की सड़क इतनी खराब हो चुकी है कि मरम्मतीकरण से कुछ होने वाला नहीं है। जरूरत है कि नए सिरे से नई सड़क के निर्माण के लिए डामरीकरण कराना होगा। पूर्व में कलेक्टर किरण कौशल ने एसईसीएल को सड़क निर्माण के लिए फंड जारी करने कहा था। अगर यह 15 दिनों के भीतर नहीं हुआ तो भारी वाहनों के परिचालन रोक देने की चेतावनी दी गई थी। इससे उम्मीद जताई जा रही थी कि बारिश के पहले सड़क का जीर्णोद्धार हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस बार की बारिश में भी मार्ग से गुजरने वाले चालकों को परेशानी हो रही है। इस मार्ग का उपयोग उपनगरीय क्षेत्र गेवरा, दीपका, हरदीबाजार, कुसमुंडा, सुराकछार, बांकी मोंगरा से प्रतिदिन काम के सिलसिले में शहर पहुंचने वाले लोगों को ज्यादा परेशानी होती है। बारिश थमने पर सड़क में जमें कीचड़ सूखने पर धूल से होती है परेशानी कुसमुंडा-सर्वमंगला मार्ग में भारी वाहनों का दबाव रहता है। सड़कों की सफाई नहीं होने से धूल, डस्ट जमा थे। बारिश के बाद सड़क पर कीचड़ हो गया है। गड्डों में पानी भरने से आवागमन में परेशानी हो रही है और बारिश थमने के बाद सड़क पर जमें कीचड़ सूख जाते हैं तो भारी वाहनों के चलने से धूल उड़ती है। इससे भी बाइक चालकों को भी आवागमन में परेशानी होती हैं, इससे भयावह स्थिति बन जाती हैं।