घोटाले में प्रदेश को छोड़ गए और अब बजट की चिंता कर रहे है- मुख्यमंत्री कमलनाथ

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को कर्जमाफी के मुद्दे पर आक्रमक अंदाज में जवाब दिया है। सीएम हाउस में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कमलनाथ ने इसे राजनीतिक प्रेस वर्ता नहीं, बल्कि शासकीय स्तर की प्रेसवर्ता करार दिया। उन्होंने कर्ज माफी के मुद्दे पर शिवराज सिंह को जवाब दिया। दरअसल, शिवराज सिंह चौहान कर्ज माफी को किसान के साथ छलवा बता रहे हैं। इसी का जवाब देने के लिए कमलनाथ ने सीएम हाउस में प्रेस कांफ्रेंस बुलाई। उन्होंने कहा कि मुझे राजनीतिक प्रेस वार्ता नहीं करनी है। आज मुझे शासकीय स्तर पर प्रेस वार्ता करनी है, इसलिए मैंने मीडिया कर्मियों को सीएम हाउस में बुलाया है। मुझे बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है किस प्रकार का सफेद झूठ हमारे भूतपूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बोल रहे हैं। उन्हें वास्तविक स्थिति पता नहीं है। इसलिए मैं शासकीय स्तर पर इसे स्पष्ट करना चाहता हूं। मैं देर से बोलता हूं कम बोलता हूं लेकिन झूठ नहीं बोलता हूं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी ने 21 लाख किसानों की कर्ज माफ की सूची शिवराज सिंह चौहान को सौंपी है। कमलनाथ ने कहा कि मुझे आश्चर्य है की शिवराज सिंह चौहान कैसे कह सकते हैं कि 10 दिन में कर्जा माफ हो जाएगा। कर्जा माफ की एक कार्रवाई होती है। शिवराज सिंह चौहान को बुनियादी बात समझनी चाहिए। हमने किसानों से आवेदन मांगे थे। 15 जनवरी से फार्म भरवाना शुरू किए थे। लगभग पचास लाख किसानों ने फॉर्म भरा था। कैबिनेट में 7 दिन में फैसला नहीं होता है, लेकिन 1 घंटे में हमने फैसला लिया फाइल पर साइन किए। कमलनाथ की बड़ी बातें- घोटाले में प्रदेश को छोड़ गए और अब बजट की चिंता कर रहे हैं। मुझे बजट का ज्ञान ना दें, मैंने ज्यादा बजट बनाएं और देखें हैं। मुझे शिवराज सिंह चौहान का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए, मुझे किसान का सर्टिफिकेट चाहिए। हमने फसल के कर्जे को माफ करने की बात की थी। हमने ट्रैक्टर-ट्रॉली के कर्ज को माफ करने की बात नहीं कही थी। शिवराज सिंह चौहान ऐसे कर्जदारों को पकड़कर जनता को गुमराह कर रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान की एक-एक लाइन झूठ थी। इन्होंने किसान के पेट पर लात मारी और सीने में गोली। शिवराज सिंह के गांव में भी कर्जा माफी हुई है। 40% किसानों का कर्जा माफ हुआ है। 60% किसान कह रहे हैं कि मेरे कर्जा माफ नहीं हुआ, लेकिन वह यह भी कह रहे है कि उनका कर्जा आगे माफ हो जाएगा। शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री रहे, तो उन्हें अपने कद की बात करनी चाहिए, झूठ नहीं बोलना चाहिए। पहले चुनाव में मोदी की लहर थी इस चुनाव में झूठ की लहर है। कमलनाथ ने यह भी कहा कि जहां-जहां चुनाव हो गया, वहां की स्वीकृति मिल गई और अब वहां का कर्जा माफ भी कर रहे हैं। हमने बैंक से वन टाइम सेटलमेंट किया है। शिवराज सिंह चौहान हमारी दी हुई सूची में नुक्स निकाले। उन्होंने 5 अप्रैल को आदेश दिया था कि 500 रू तक का भावंतर दिया जाएगा। हमने 5000 करोड़ का प्रावधान किया था। कमलनाथ ने कहा कि सात मई को चुनाव आयोग ने कर्जमाफी करने के निर्देश दिए हैं। अगर नेशनलाइज बैंक मेरी बात नहीं मानते तो हम यह लोन टेकओवर कर देते। बिजली कर्मचारियों ने कुछ बीजेपी कार्यकतार्ओं के साथ मिलकर बिजली के तार काटे हैं। ऐसे कर्मचारियों पर कार्रवाई भी की है। उन्होंने कहा कि जिनके पास कुछ बचा नहीं है कहने को, उन्हें इस स्तर पर उतरने की आवश्यकता है।