नियमितिकरण की कार्यवाही करने एवं ठेकेदारी प्रथा के विरोध में दैनिक वेतन भोगियों द्वारा सौपा गया ज्ञापन

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छ.ग. राज्य में विभिन्न शासकीय विभागों में लगभग 20 से 25 हजार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी अल्पवेतन पर अस्थायी तौर पर लगभग 10 से 15 वर्षो से कार्य कर रहें है। छ.ग. कांग्रेस सरकार द्वारा अपने घोषणा पत्र में 10 दिवस के भीतर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितिकरण करने का वादा किया गया था किन्तु आज तक नियमितिकरण के संबंध में कोई भी कार्यवाही नहीं किया गया है । राज्य शासन के नियमितिकरण के संबंध में मसौदा तैयार कर प्रस्तुत करने हेतु 05 सदस्यीय उच्च अधिकारियों की समिति का गठन भी किया गया है किन्तु उक्त समिति को बने ढाई साल हो गया है किन्तु अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जिससे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
दुर्भाग्य की बात है कि राज्य में 20 से 25 हजार की संख्या में दैनिक वेतन भोगी कार्य करने के बावजूद सरकार की अधिकारिक वेबसाईट ई-कोष के एम्पलाई डेशबार्ड जिसमें राज्य के समस्त शासकीय कमचारियों की जानकारी ऑनलाईन रखी गयी है उसमें दैनिक वेतन भोगी की संख्या केवल और केवल 05 ही दर्शायी जा रही है जिसके संबंध में संघ द्वारा कोष पेंशन कार्यालय के संचालक एवं अपर संचालक से भी अनेक बार पत्राचार एवं समक्ष में अवगत कराया गया किन्तु उनके कान में जू तक नही रेगीं। उक्त के संबंध में राज्य के विभिन्न खण्डो एवं जिलो के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों द्वारा एकत्रित होकर, कलेकटर रायपुर के माध्यम से मुख्यमंत्रा एवं समिति के अध्यक्ष प्रमुख सचिव छत्तीसगढ़ शासन, वाणिज्य एवं उद्योग तथा सार्वजनिक उपक्रम विभाग, के नाम से ज्ञापन सौपा गया है।


वर्तमान में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में केन्द्र सरकार की परियोजना जल जीवन मिशन अंतर्गत विभाग में पूर्व से कार्यरत् दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को जबरन ठेकेदारी प्रथा के माध्यम ठेकेदार के अंदर कार्य करने एवं वेतन का भुगतान ठेकेदार के माध्यम से करने हेतु दबाव बनाया जा रहा है। जबकि पूर्व में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में कार्य करने वाले दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को विभागीय मद से वेतन का भुगतान किया जाता रहा है। कुछअधिकारियों द्वारा ठेकेदारी के माध्यम से काम करवाने के लिये जानबूझ कर 04 से 06 माह का वेतन भी रोका दिया गया है जो कि अमानवीय कृत्य है और जब वेतन की मांग की जाती है तो अधिकारी द्वारा ठेकेदार के अंदर कार्य करने हेतु शपथ पत्रा मांग जा रहा है जिसका संघ घोर विरोध करता है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में जबरन ठेकेदारी प्रथा लागू करने एवं उसके पूर्व से कार्यरत् दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को ठेकेदा के अंदर कार्य करने हेतु दबाव बनाने और भुगतान ठेकेदार के माध्यम से करने के विरोध एवं ठेकेदारी प्रथा बंद करने के लिये मुख्य अभियता एवं मिशन संचालक जल जीवन मिशन को ज्ञापन सौपा गया है। उक्त कार्यक्रम में संरक्षक राकेश साहू प्रातांध्यक्ष मिलाप चंद यादव, निशांत राज दुबे, दीपक, रेखराज, अफ्शा खान, कुलेश्वर, गरियाबंद से तीरथ साहू, राकेश कुमार निषाद, द्वारिका सिन्हा बिलासपुर से मुकेश पंनरिया,आकाश, बालोद से रवि, सरायपाली से अशोक मेहेर, दीपक मांझी, कमलेश प्रधान , महासमुंद से इंश्वर टंडर, मुनेश ढीढी, कबीरधाम से लालकृष्ण तिवारी, विरेन्द्र यादव सहित राज्य भर के लगभग 300-350 कर्मचारी उपस्थित हुये।