अमेरिका में विकसित होंगे ऐसे रोबोट, जो युद्ध के मैदान में करेंगे सैनिको की मदद

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वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका में वैज्ञानिक एआइ सिस्टम से लैस ऐसे रोबोट विकसित कर रहे हैं जो भविष्य में युद्ध के मैदान में सैनिकों की मदद कर सकते हैं। साइंस एडवांश जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया कि वैज्ञानिकों की टीम ने पहले देखा कि किसी युद्ध के मैदान में एक सैनिक के मस्तिष्क की गतिविधि क्या होती है। अमेरिका में आर्मी रिसर्च लेबोरेटरी की वरिष्ठ न्यूरोसाइंटिस्ट जीन वेटल ने बताया कि ऐसी तकनीक जो किसी सैनिक के व्यवहार की भविष्यवाणी कर सके एक बहुत मजबूत टीम बनाने में मदद कर सकती है। एआरएल और यूनिवर्सिटी आॅफ बफैलो के शोधकतार्ओं ने बताया कि मानव मस्तिष्क के माध्यम से ऐसी तकनीक बनाई जा सकती है जो इस तरह की भविष्यवाणी कर सके। मिलिट्री आॅपरेशन के दौरान सैनिक कई तरह के कामों को अंजाम देते हैं। वह कई स्रोतों से मिल रही जानकारी का विश्लेषण करते हैं। वातावरण को नेवीगेट कर खतरों का आकलन करते हुए अपनी फैली हुई टीम से संपर्क भी स्थापित करते हैं। इसके लिए सैनिकों को अपने कार्यों को लगातार स्विच करते रहना होता है। इसका मतलब है कि मस्तिष्क भी इन कई क्षेत्रों में तेजी से शिफ्ट होता है। वैज्ञानिकों ने बताया कि हम एआइ के माध्यम से सैनिकों के दिमाग की प्रतिक्रिया को भांप सकते हैं। जिससे रोबोट सैनिक के काम आ सकता है। शोधकतार्ओं ने पहले यह समझने की कोशिश की मस्तिष्क किसी विशेष कार्य को करते समय अपने विभिन्न क्षेत्रों का समन्वय कैसे करता है। उन्होंने देखा कि कैसे मस्तिष्क के विभिन्न क्षेत्र अलग-अलग लोगों से जुड़े हुए थे। शोधकतार्ओं ने इसके माध्यम से एक कम्प्यूटेशन माडल विकसित किया। यह काफी हद तक मस्तिष्क की काम करने की तरह की काम करता था। इस एआइ की मदद से वैज्ञानिक अब रोबोट विकसित कर रहे हैं।